हिस्सा बेच पैसे जुटाएंगे मिस्त्री | देव चटर्जी / मुंबई July 26, 2020 | | | | |
मिस्त्री परिवार 4,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए स्टर्लिंग ऐंड विल्सन (एसऐंडडब्ल्यू) सोलर में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए कई निवेशकों से बात कर रहा है। वह टाटा संस के शेयर गिरवी रखकर कर्ज जुटाने के लिए कनाडा की वित्तीय फर्म ब्रुकफील्ड से भी बात कर रहा है। घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया कि इस सौदे से मिलने वाली रकम से मिस्त्री परिवार समूह का कर्ज घटाएगा और एसऐंडडब्ल्यू सोलर का बकाया चुकाएगा।
सूत्रों ने बताया कि समूह ने पहले देश भर में अपनी जमीन बेचकर पैसे जुटाने की योजना बनाई थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण जमीन के भाव घटने से इरादा तब तक टाल दिया गया है, जब तक कीमत बढ़ नहीं जाती। मिस्त्री परिवार के लिए रकम जुटाना जरूरी हो गया है क्योंकि उनकी कंपनियां एसऐंडडब्ल्यू सोलर में अपने हिस्से का बकाया चुकाने में विफल रही हैं। बकाये का भुगतान जून में ही होना था।
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है। एसऐंडडब्ल्यू में उसकी 50.6 फीसदी हिस्सेदारी है। इस कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 3,610 करोड़ रुपये था। मिस्त्री परिवार और उसके संयुक्त उद्यम साझेदार का इस कंपनी में 77.2 फीसदी हिस्सा है। कंपनी के सूचीबद्घ होने के बाद से इसका शेयर करीब 71 फीसदी टूट गया है, जिससे प्रवर्तकों पर दबाव बढ़ गया है। टाटा समूह के खिलाफ अदालत में दायर याचिका में मिस्त्री परिवार ने कहा था कि टाटा संस में उसकी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये है। बैंकरों ने कहा कि मिस्त्री परिवार और ब्रुकफील्ड के बीच बातचीत चल रही है और अगले कुछ हफ्तों में समूह पैसे जुटा सकता है।
इस बारे में पक्ष जानने के लिए मिस्त्री परिवार को ईमेल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
मिस्त्री परिवार पर अपनी सूचीबद्घ इकाई एसऐंडडब्ल्यू में अपना कर्ज चुकाने का दबाव है। समूह ने 31 दिसंबर, 2019 तक 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था और संशोधित भुगतान अवधि के मुताबिक 31 मार्च तक 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया। हालांकि 30 जून तक 500 करोड़ रुपये की जो किस्त चुकाई जानी थी, उसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। यह पुनर्भुगतान 2,644 करोड़ रुपये के उस कर्ज का हिस्सा है, जिसे प्रवर्तक की कंपनियों ने एसऐंडडब्ल्यू से उसके सूचीबद्घ होने से पहले लिया था। प्रवर्तकों को इस कर्ज का भुगतान कंपनी के सूचीबद्घ होने के 90 दिन के अंदर करना था मगर उन्होंने एसऐंडडब्ल्यू से कर्ज चुकाने के लिए मोहलत मांगी और किस्तों में अदायगी का वादा किया। कंपनी जून में 500 करोड़ रुपये की किस्त चुकाने में नाकाम रही, जिसके बाद एसऐंडडब्ल्यू ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया और बैंकर सचेत हो गए।
एसऐंडडब्ल्यू ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों पर जून की किस्त के बदले जरूरी जमानत मुहैया कराने पर जोर दिया ह और प्रवर्तकों ने जल्द ही ऐसा करने का भरोसा दिलाया।
समूह की प्रमुख कंपनी शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी पर पिछले साल दिसंबर तक 9,533 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो 29 फरवरी, 2020 को घटकर 9,284 करोड़ रुपये रह गया।
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