लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के नए ऑर्डर प्रवाह में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 39 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और वह 13 तिमाहियों के निचले स्तर 23,574 करोड़ रुपये तक लुढ़क गया। इससे निवेशकों का रुझान पूंजीगत वस्तु क्षेत्र से हटने लगा है। पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के लिए बाजार के कमजोर अनुमानों के बावजूद एलऐंडटी ने एक कमजोर तस्वीर पेश की। लॉकडाउन के कारण ताजा निवेश और पूंजीगत व्यय में गिरावट के अलावा संभावित ऑर्डर को टाले जाने से नए ऑर्डर में गिरावट की आशंका जताई गई थी। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) के विश्लेषकों ने 20,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्रवाह का अनुमान जाहिर किया था। जबकि 30 जून 2020 तक एलऐंडटी समूह का समेकित ऑर्डर बुक 3.05 लाख करोड़ रुपये का रहा जिसमें अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर बुक की हिस्सेदारी 24 फीसदी रही। कन्टेनमेंट जोन, श्रमिकों की उपलब्धता और क्षेत्रीय लॉकडाउन के मद्देनजर ऐसा लगता है कि अगले 2 से 3 तिमाहियों के दौरान अनिश्चितताएं बरकरार रहेंगी। विश्लेषकों और एलऐंडटी के प्रबंधन ने भी उम्मीद जताई है कि मार्च तिमाही तक ही स्थिति सामान्य हो सकती है। जहां तक एलऐंडटी का सवाल है तो बाजार में उसके वर्चस्व, बड़े ऑर्डर बुक एवं दमदार बहीखाते को देखते हुए इस शेयर के प्रति विश्लेषकों का नजरिया सतर्क लेकिन आशावादी है। रिलायंस सिक्योरिटीज के सैयद अराफात का कहना है कि एलऐंडटी को आगामी तिमाहियों के दौरान कई बड़ी परियोजनाओं से लाभ मिलने वाला है क्योंकि उसने सभी बुनियादी जरूरतों (बहीखाते का आकार, दमदार ट्रैक रिकॉर्ड, तकनीकी विशेषज्ञता और पर्याप्त नकदी प्रवाह) को पूरा किया है। येस सिक्योरिटीज के उमेश राउत ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ रही है और कीमतें कोविड पूर्व स्तर तक पहुंचने वाली हैं। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि पश्चिम एशिया और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी आनी चाहिए। यदि कच्चे तेल की कीमतें 45 से 50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचता है तो वैश्विक ऑर्डर प्रवाह में सुधार होना चाहिए। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि एलऐंडटी, दिलीप बिल्डकॉन, पीएनसी इन्फ्राटेक, केईसी और एचजी इन्फ्रा में तेजी से सुधार होने के आसार हैं।ं
