घरेलू इस्पात कंपनियों का घटेगा परिचालन मार्जिन! | अदिति दिवेकर / मुंबई July 24, 2020 | | | | |
कच्चे माल की कीमतों में नरमी के बावजूद कमजोर बिक्री और प्राप्तियों की वजह से इस वित्त वर्ष घरेलू इस्पात उत्पादकों का परिचालन मार्जिन 2 प्रतिशत घटकर 15 प्रतिशत रह सकता है।
हालांकि इस्पात उत्पादक वित्त वर्ष 2016 की पिछली मंदी के मुकाबले बेहतर स्थिति में बने रह सकते हैं। 2016 में सरकार ने एंटी-डम्पिंग शुल्क लगाया था।
क्रिसिल द्वारा आज जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च के टलने और मांग में सुधार से अगले साल ऋण प्रोफाइल में भी मदद मिलेगी।
कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद पहली तिमाही में घरेलू मांग प्रभावित होने से बिक्री में गिरावट इस वित्त वर्ष ऊंचे एक अंक में रह सकती है।
रिपोर्ट मेंक्रिसिल रिसर्च में निदेशक ईशा चौधरी के हवाले से कहा गया है, 'लौह अयस्क और कोकिंग कोयला कीमतों में नरमी से मदद मिलने के बावजूद कम बिक्री और प्राप्तियों से इस वित्त वर्ष इस्पात उत्पादकों के परिचालन मार्जिन पर दबाव पड़ेगा, क्योंकि कंपनियों के कच्चे माल की लागत में इनका 80 प्रतिशत योगदान होता है। हमें परिचालन मार्जिन इस वित्त वर्ष में 200 आधार अंक गिरकर 15 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।'
परिचालन मार्जिन वित्त वर्ष 2016 की इस्पात क्षेत्र की मंदी के दौरान 9 प्रतिशत की गिरावट के साथ एक दशक के निचले स्तर पर रह गया था। इस बार घरेलू इस्पात निर्माताओं को एंटी-डम्पिंग शुल्क से मदद मिली है।
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