वेतन बढ़ोतरी का बैंकों के बही खाते पर तत्काल असर नहीं | सोमेश झा / नई दिल्ली July 23, 2020 | | | | |
बैंक यूूनियनों और प्रबंधन के बीच वेतन बढ़ोतरी को लेकर हुए समझौते का निकट भविष्य में बैंकों की बैलेंस सीट पर असर पढऩे की संभावना नहीं है।
बैंक प्रबंधन और उनसे जुड़े मजदूर संगठन बुधवार को 35 बैंकों के मौजूदा वेतन बिल में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी पर सहमत हो गए। साथ ही पहली बार सरकारी बैंकों में प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) पर सहमति बनी है। वेतन में यह बदलाव 1 नवंबर 2017 से प्रभावी होगा और अक्टूबर 2022 तक लागू रहेगा। इससे करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों को फायदा होगा। इसमें सरकारी बैंक, ओल्ड जनरेशनल प्राइवेट बैंक जैसे फेडरल बैंक और धनलक्ष्मी बैंक और कुछ विदेशी बैंक शामिल हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पहली बार पीएलआई (यह निजी और विदेशी बैंकों के लिए वैकल्पिक होगा, जो समझौते का हिस्सा है) लागू किया गया है और यह बैंक के सालाना परिचालन या शुद्ध मुनाफा पर निर्भर होगा।
सरकारी बैंकों सहित बैंकों पर कुल वेतन बिल मार्च 2017 में मोटे तौर पर सालाना 55,000 से 56,000 करोड़ रुपये था। नए समझौते से सालाना 7,900 करोड़ रुपये अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।
एक सरकारी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, संभावित वेतन वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बैंकों ने पहले ही अपने खाते में 80-90 प्रतिशत का प्रावधान कर दिया है।
कर्मचारियों को बैंक के मुनाफे के हिसाब से प्रति वर्ष 5 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान मिलेगा। परिचालन मुनाफा 5 प्रतिशत से कम होने पर अतिरिक्त भुगतान नहीं होगा।
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