वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 7 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (सीपीएसई) को अपने खर्च में तेजी लाने को कहा है। उन्हें चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8,774.5 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए कहा गया है जो पहली तिमाही में खर्च किए गए 3,557 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। मंत्री ने यह कदम कोविड-19 के कारण प्रभावित आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए उठाया है। सीतारमण ने ये बातें इस्पात, नागरिक उड्डयन और रेल मंत्रालय के तहत आने वाली इन सात उद्यमों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा के दौरान कही। दरअसल वित्त मंत्री ने संबंधित सचिवों और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ये उद्यम बजट में आवंटित परिव्यय का 50 फीसदी पहली छमाही में खर्च करें। इसके लिए इन उद्यमों को पहली छमाही में 12,331.5 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इन उद्यमों की ओर से पूंजीगत व्यय पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले धीमी रही है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इन इकाइयों ने 3,878 करोड़ रुपये खर्च किए थे। हालांकि बजट आवंटन के प्रतिशत के संदर्भ में खर्च चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 14 फीसदी के साथ पिछले साल के 13 फीसदी के मुकाबले अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सीपीएसई का पूंजीगत व्यय इस वर्ष 24,663 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 30,420 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, 2019-20 में पूरे साल में 25,974 करोड़ रुपये खर्च हुआ था जो बजट आवंटन का 85 फीसदी है। सीतारमण ने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के असर से उबरने में मदद मिल सकती है।
