महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से पहली तिमाही में बजाज ऑटो की आय पर बड़ी चोट पड़ी और वह रिकॉर्ड निचले स्तर पर चली गई। हालांकि फिक्स्ड लागत में कमी और निर्यात से मिली बेहतर कीमत से उसके मार्जिन को थोड़ा सहारा मिला। अप्रैल में पूरा लॉकडाउन और मई व जून में परिचालन के आंशिक तौर पर बहाल होने के कारण बिक्री कमजोर रही, लिहाजा कंपनी का कर पूर्व लाभ और कर पश्चात लाभ एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले आधे से ज्यादा घटकर क्रमश: 682 करोड़ रुपये व 528 करोड़ रुपये रह गया। पिछले एक दशक में कंपनी के लाभ में हुई यह सबसे तेज गिरावट है। तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व भी सालाना आधार पर 60 फीसदी घटकर 3,079 करोड़ रुपये रह गया, वहीं कुल कारोबार सालाना आधार पर 58.3 फीसदी की गिगरावट के साथ 3,417 करोड़ रुपये रह गया। निर्यात समेत कंपनी की कुल बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 64 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट के साथ 4,43,103 वाहन रह गई। कम बिक्री के बावजूद डिस्कवर व पल्सर मॉडल की निर्माता कंपनी के मार्जिन पर मामूली असर पड़ा और यह गिरावट बिक्री में आई गिरावट के अनुपात में नहीं रही। कंपनी का एबिटा घटकर 14.3 फीसदी रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 16.1 फीसदी रहा था। कंपनी का मार्जिन बाजार के अनुमानों से बेहतर रहा। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख (इंस्टिट््यूशनल बिजनेस) अर्जुन यश महाजन ने आय की घोषणा के बाद कहा, बजाज ऑटो ने परिचालन के मोर्चे पर मजबूत प्रदर्शन किया और उसका मार्जिन हमारे अनुमान से 430 आधार अंक ऊपर रहा। बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा, मांग के परिदृश्य को देखते हुए हम काफी कुछ नहीं कर सके। लेकिन कुछ हद तक हमारा प्रदर्शन सुदृढ़ रहा। उन्होंने कंपनी के वॉल्यूम व कम फिक्स्ड कॉस्ट के लिए लो ब्रेक ईवन पाइंट को जिम्मेदार बताया। इससे कंपनी को कमजोर परिचालन लिवरेज के असर को कम करने में मदद मिली। साथ ही निर्यात से मिली ज्यादा रकम से भी मदद मिली। पहली तिमाही में प्रति अमेरिकी डॉलर 75.6 रुपये मिले जबकि चौथी तिमाही मेंं यह 72.1 ररुपये था। उन्हें उम्मीद है कि निर्यात व देसी बाजारों मे कुल वॉल्यूम आगामी महीनों में बढ़ेगा और सितंबर तक कोविड-19 के पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगा। शर्मा ने कहा, मांग में सुधार हमारी उम्मीद से ज्यादा तेज हुआ। हालांकि उन्होंने मौजूदा महीने का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर संक्रमण दोबारा तेजी से फैलता है तो पूरा मामला पटरी से उतर सकता है।
