रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक इस साल मार्च-जून तिमाही के दौरान सड़क क्षेत्र को टोल संग्रह में 6,000 करोड़ रुपये गंवाना पड़ेगा। क्रिसिल रिसर्च ने आज कहा कि राजमार्ग डेववपरों व टोल ऑपरेटरों को इस साल मार्च-जून के दौरान करीब 3,700 करोड़ रुपये जबकि एनएचएआई को 2,200 करोड़ रुपये टोल गंवाना पड़ सकता है। एजेंसी ने कहा है कि सड़क एवं राजमार्ग क्षेत्र इस तिमाही में भारी नुकसान के बाद तेजी से सुधार दर्ज करेगा। एनएचएआई ने सरकार द्वारा वित्त पोषित 6000 किलोमीटर लंबे टोल मार्गों से वित्त वर्ष 2025 तक 80,000 से 85,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। क्रिसिल ने कहा है, 'टोल ऑपरेट ट्रांसफर और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के माध्यम से संपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम प्रभावित हो सकती है।' टोल राजस्व में नुकसान के साथ इस क्षेत्र के हिस्सेदारों को बढ़ते ब्याज, निर्माण में देरी और विवाद बढऩे जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ेगा।
