रफ्ता-रफ्ता निवेश बढ़ाएं छोटे निवेशक | समी मोडक / मुंबई July 22, 2020 | | | | |
शेयर कीमतों में भारी तेजी से आकर्षित छोटे निवेशक बाजार में निवेश को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं। हालांकि शेयर बाजार नियामक ने उन्हें सतर्कता बरतने और धीरे धीरे निवेश करने, जोखिमों को समझने, तथा सोच-समझ कर निर्णय लेने की सलाह दी है।
उद्योग संगठन फिक्की के सालाना पूंजी बाजार सम्मेलन 'कैपम' में सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा, 'बढ़ती रिटेल भागीदारी चिंता का कारण नहीं है। लेकिन जिस तरह से इसमें इजाफा हो रहा है, वह चिंताजनक है।' उनका इशारा नए खातों में भारी इजाफा और संपूर्ण बाजार कारोबार में छोटे निवेशकों की भागीदारी में तेज वृद्घि की तरफ था।
उन्होंने कहा, 'बाजार में धीरे धीरे प्रवेश करना होगा। उन्हें सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के साथ इसकी शुरुआत करनी चाहिए और फिर अन्य योजनाओं में पैसा लगाना चाहिए। उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने चाहिए।'
त्यागी ने कहा कि बाजार में छोटे निवेशकों की बढ़ती भागीदारी इस बात का संकेत है कि निवेशक कंपनियों में अपना भरोसा दिखा रहे हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह भरोसा टूटे नहीं। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत पारदर्शी बनाए रखने और जरूरी जानकारियां साझा किए जाने की जरूरत पर जोर दिया जिससे कि निवेशक समुदाय इनसे वाकिफ रहे।
त्यागी ने कहा कि यही भी एक कारण था कि सेबी ने कंपनियों को अपने जून और सितंबर तिमाही के परिणाम की घोषणा को एक साथ मिलाए जाने की मांग को स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा, 'छोटे निवेशकों द्वारा दिखाया जा रहा भरोसा एक बड़ा अवसर है।'
उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए डीमैट खातों के इस्तेमाल की अनुमति के संदर्भ में बात की जाए तो मौजूदा समय में हालात सरकार के पक्ष में हैं। छोटे निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियां अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं क्योंकि इन्हें सॉवरिन समर्थन हासिल है और इनमें निर्धारित प्रतिफल मिलता है। हालांकि वे अस्थिरता से अलग हैं, क्योंकि इनका संबंध ब्याज दर को जोखिम से है।
त्यागी ने कहा कि इक्विटी बाजार 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने में मदद करने के लिए तैयार हैं। हालांकि डेट बाजार के मोर्चे पर अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत होगी। त्यागी ने कहा, 'मार्च में भारी बिकवाली के बावजूद, भुगतान में कोई चूक नहीं देखी गई थी। यह इक्विटी प्लेटफॉर्म के मजबूत बुनियादी आधार और श्रेष्ठ प्रणालियों का प्रमाण है।'
भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने बाजार में मजबूती सुनिश्चित करने और पिछले कुछ महीनों के दौरान जरूरी रियायतें मुहैया कराने के लिए सेबी और त्यागी के प्रयासों की सराहना की है। हाल के महीनों में सेबी ने उन कई समय-सीमाओं को आगे बढ़ाया है जो सूचीबद्घ कंपनियों के साथ साथ म्युचुअल फंडों और वैकल्पिक निवेश फंडों जैसे बाजार बिचौलियों के लिए लागू हैं।
कुछ अन्य समय-सीमाओं को आगे बढ़ाने की सेबी की योजना के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा, 'ये सभी रियायतें समाप्त होने की समय-सीमा है। सेबी इस बारे में निर्णय लेगा कि इन्हें कब आगे बढ़ाया जाएगा।'
प्रत्यक्ष वैश्विक सूचीबद्घता के मुद्दे पर सेबी का कहना है कि कोई भी कंपनी दोहरी सूचीबद्घता के प्रस्ताव के साथ आगे नहीं आई है।
सेबी प्रमुख ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि क्या ब्रोकरों को घर से काम करने की स्थायी तौर पर अनुमति दी जा सकती है। मार्च में, सेबी ने ब्रोकिंग कंपनियों को घर से अपने ट्रेडिंग टर्मिनल संचालित करने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा, 'यह अस्थायी राहत थी। हालांकि इसकी सफलता को देखते हुए इसे सावधानीपूर्वक जांचने की जरूरत है। इसकी खामियों पर भी गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत होगी।'
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