लॉकडाउन के दौरान जब अर्थव्यवस्था, कारोबार और वित्तीय बाजार कोविड-19 महामारी के असर से जूझ रहा था, तब राकेश झुनझुनवाला की किस्मत में चमक बनी हुई थी। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक राकेश झुनझुनवाला और उनकी फैमिली की हैसियत 2,618 करोड़ रुपये बढ़ी है और उनके निवेश की कीमत एक बार फिर 10,000 करोड़ रुपये के पार निकल गई है। मंगलवार के बंद भाव के आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों में झुनझुनवाला फैमिली के निवेश की कुल कीमत 10,965 करोड़ रुपये थी, जो मार्च के आखिर के 8,284 करोड़ रुपये के मुकाबले 32.4 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में झुनझुनवाला ने रैलिस इंडिया, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज, फेडरल बैंक, एनसीसी, एडलवाइस फाइनैंंशियल सर्विसेज और फस्र्टसोर्स सॉल्युशंस में हिस्सेदारी बढ़ाई। वहीं ल्यूपिन और एग्रो टेक फूड्स में हिस्सेदारी घटाई। यह जानकारी एक्सचेंजों पर उपलब्ध शेयरधारिता पैटर्न से मिली। झुनझुनवाला ने इंडियन होटल्स व डिशमैन कार्बोजेन को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा और जून तिमाही में 1.05 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदी। टाटा के स्वामित्व वाली टाइटन कंपनी और ट्रैक्टर निर्माता एस्कॉट्र्स में झुनझुनवाला की हिस्सेदारी 16 अन्य कंपनियों के साथ अपरिवर्तित रही, जिनमें ओरियंट सीमेंट, एमसीएक्स, आयोन एक्सचेंज, क्रिसिल और फोर्टिस हेल्थकेयर शामिल है। राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के पास मार्च 2020 की तिमाही के आखिर में 29 सूचीबद्ध कंपनियों की एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी थी। रैलिस इंडिया, एस्कॉट्र्स, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज और क्रिसिल ने झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो को अप्रैल 2020 से इंडेक्स के स्तर पर रिटर्न में मात देने में मदद की। इन शेयरों ने समीक्षाधीन तिमाही में राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में हुई कुल बढ़त में संयुक्त रूप से आधा यानी 1,234 करोड़ रुपये का योगदान किया। टाइटन ने 8.7 फीसदी की बढ़त के साथ बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया। उसकी तुलना में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स इस अवधि में 28.7 फीसदी ऊपर रहा। मार्च 2020 के निचले स्तर से बाजार में तेज उछाल को देखते हुए ज्यादातर विश्लेषक अब सतर्क हैं और उनका सुझाव है कि बढ़त की राह कोविड-19 के मामलों और इस महामारी से लडऩे के लिए टीके की प्रगति पर निर्भर करेगी। उनका मानना है कि एक परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर इक्विटी लंबी अवधि के लिहाज से अच्छा रिटर्न दे सकता है। क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट इंडिया के इक्विटी शोध प्रमुख जितेंद्र गोहिल ने इक्विटी शोध विश्लेषक प्रेमल कामदार के साथ 16 जुलाई की रिपोर्ट में कहा है, अच्छी खासी तेजी को देखते हुए हमारा मानना है कि वैश्विक इक्विटी बाजार अगले कुछ महीने तक अलग-थलग रह सकता है क्योंकि मुनाफावसूली हो सकती है। इक्विटी की बात करें तो भारतीय इक्विटी अपने समकक्ष एशियाई देशों से अगले कुछ महीने में कमजोर प्रदर्शन कर सकता है क्योंकि मांग को लेकर प्रोत्साहन का अभाव है।
