हालिया यात्रा प्रतिबंधों के बीच अब फ्रांस, जर्मनी एवं अमेरिका की विमानन कंपनियां भारत के लिए यात्राओं (आवागमन एवं प्रस्थान) का परिचालन कर सकती हैं। इन देशों से अभी तक 60,000 से ज्यादा नागरिकों की भारत वापसी हो चुकी है। एयर फ्रांस तथा यूनाइटेड ने पहले ही पेरिस एवं नेवार्क से भारत की यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी है, जबकि सरकार द्वारा पिछले सप्ताह तीनों देशों के साथ द्विपक्षीय हवाई यात्रा को मंजूरी देने के बाद लुफ्थांसा भी बुकिंग शुरू करने की योजना बना रही है। इन देशों की विमानन कंपनियों ने यूरोपीय तथा अमेरिकी नागरिकों की वापसी के लिए उड़ानें संचालित की थीं लेकिन उन्हें भारत में यात्री लाने की अनुमति नहीं थी। हालिया मंजूरी के बाद यह स्थिति बदल गई। एयर इंडिया की तरह ही इन विमानन कंपनियों को भी भारतीय नियमों का पालन करना होगा, यात्रियों की सूची भारतीय दूतावासों के साथ साझा करनी होगी और इनबाउंड उड़ानों के लिए राज्यों से अनापत्ति मंजूरी लेनी होगी। यूरोप या अमेरिका की यात्रा करने पर भी जरूरी प्रतिबंध लगाए गए हैं। उदाहरण के लिए, यूरोप भारत से छुट्टियां बिताने के लिए आने वाले यात्रियों को अनुमति नहीं दे रहा है। कुछ मामलों को छोड़कर, एक भारतीय पासपोर्ट धारक इन उड़ानों पर फ्रैंकफर्ट या पेरिस के रास्ते अमेरिका की यात्रा नहीं कर सकता। पहले की सामान्य परिस्थिति के विपरीत, जब विमानन कंपनियां किसी उड़ान को शेड्यूल करती हैं तो हालिया उड़ान अनुमति प्रक्रिया के तहत एक सीमित संख्या की उड़ानों को ही मंजूरी मिलती है। फिलहाल, एयर फ्रांस, लुफ्थांसा तथा यूनाइटेड को जुलाई अंत तक ही उड़ानें संचालित करने की मंजूरी मिली है। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, 'अमेरिका से यात्रा की मांग में कमी देखी जा रही है। केवल आवश्यक यात्राएं हो रही हैं और कोई भी आराम फरमाने के लिए यात्रा नहीं कर रहा है।' आउटबाउंड सेक्टर में अधिकांश मांग ग्रीन कार्ड धारकों या अमेरिकी नागरिकों की है और उम्मीद है कि अगस्त से छात्र भी यात्राएं शुरू करेंगे। एक सूत्र ने बताया कि यूरोप-भारत मामले में भी अप्रैल या मई की तुलना में फिलहाल मांग कम है। हालांकि, लुफ्थांसा का कहना है कि आने तथा जाने, दोनों ओर भारतीय ग्राहकों की मांग बहुत अधिक है और भारत में परिचालन का इरादा रखने वाली विदेशी विमानन कंपनियां वर्तमान में भारत सरकार द्वारा विदेशी विमानन कंपनियां के लिए जारी नए नियमों-विनियमों का आकलन कर रही हैं। एयर इंडिया ने इस मामले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया। एयर इंडिया, निजी तथा विदेशी विमानन कंपनियों की उड़ानों, नौसेना के जहाजों और जमीनी रास्तों आदि से मई तक 6,50,000 से अधिक भारतीय देश लौट आए हैं। एयर इंडिया 2,00,000 से अधिक नागरिकों को लाई है तथा इनमें से आधे पश्चिम एशिया से आए हैं। 60,000 से अधिक नागरिक अमेरिका, कनाडा एवं यूरोप से लौटे हैं। एयर इंडिया ने भारत से 80,000 से ज्यादा लोगों को विदेश में पहुंचाया है जिनमें आधे अमेरिका तथा कनाडा में भेजे गए। अमेरिकी सरकार द्वारा अपनी विमानन कंपनी के खिलाफ भारत पर भेदभाव करने के आरोप पर अपना आदेश वापस लेने के बाद एयर इंडिया तथा यूनाइटेड भारत और अमेरिका के बीच अतिरिक्त उड़ानें संचालित कर रही हैं। एयर इंडिया ने फ्रांस एवं जर्मनी के लिए भी उड़ान शुरू करने की घोषणा की है। भारत सरकार किसी भी उड़ान से 4 दिन पहले यात्री विवरण साझा करने के लिए कहती है लेकिन इस मामले में यूनाइटेड को छूट मिली है और जानकारी के मुताबिक, वह प्रस्थान के आसपास ही इस विवरण को साझा कर सकती है। विदेशी विमानन कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि चार दिन पहले यात्री विवरण साझा करना काफी बोझिल है और सरकार डेटा एकत्र करने के और बेहतर तरीके विकसित कर सकती है। यूनाइटेड 23-28 जुलाई तक नेवार्क-दिल्ली के बीच उड़ानें संचालित करेगी। विमानन कंपनी ने कहा कि अमेरिका से भारत जाने वाले यात्रियों को चेक-इन से पहले भारत सरकार की डेटा संग्रह की आवश्यकता को पूरा करना होगा। आवश्यक डेटा संग्रह को पूरा नहीं करने पर यात्रा रद्द हो सकती है।
