सरकारी क्षेत्र की दिग्गज बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को उम्मीद है कि जीवन बीमा उद्योग चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही के अंत तक नए कारोबारी प्रीमियमों में स्थायी वृद्धि दर्ज करेगा। उसने यह उम्मीद इस बात को लेकर जताई है कि अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर लोगों की क्रय शक्ति में इजाफा होगा। वित्त वर्ष की पहली तिमाही जीवन बीमाकर्ताओं के लिए खराब रहा था क्योंकि लॉकडाउन लगाए जाने से नए कारोबारी प्रीमियम (एनबीपी) में 18.64 फीसदी की कमी आई थी। यह वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 60,637 करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 49,335 करोड़ रुपये रह गया था। एलआईसी के एनबीपी में भी उस दौरान 18.45 फीसदी की कमी आई थी और यह 44,794 करोड़ रुपये के मुकाबले कम होकर 36,530 करोड़ रुपये रह गया था। जबकि निजी बीमाकर्ताओं का एनबीपी 19.17 फीसदी घटकर 15,842 करोड़ रुपये से 12,805 करोड़ रुपये आ गया था। एलआईसी के प्रबंध निदेशक टीसी सुशील कुमार ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान जो आर्थिक गतिविधि थम गई थी, जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही उसमें धीरे धीरे सुधार आ रहा है। अर्थव्यवस्था वृद्धि की दिशा में बढऩे लगी है और अर्थव्यवस्था में चढ़ाव की झलक जून में जीवन बीमाकर्ताओं के प्रदर्शन में नजर आया है।' 15 जुलाई को समाप्त पखवाड़े में पिछले साल के मुकाबले एलआईसी के एनबीपी में 46 फीसदी वृद्धि हुई है जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलते हैं। पहली तिमाही के अंत में एलआईसी ने जीवन बीमा बाजार में प्रीमियम के संदर्भ में 74 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा कर लिया था। कुमार ने कहा कि महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन के कारण बीमा कंपनियों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए रणनीति में कई तरह का समायोजन करना पड़ा था। उनमें सबसे अहम था हाथ से कागजी कार्रवाई के स्थान पर वितरण के सभी माध्यमों के जरिये बीमा की एंड-टू-एंड कागज रहित या डिजिटल आधारित बिक्री। और बीमाकर्ताओं द्वारा किए गए विभिन्न पहलों को ध्यान में रखते हुए हम तीसरी तिमाही के अंत में प्रीमियम में एक उचित स्?थायी वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। कुमार ने कहा कि महामारी के कारण शुद्ध सुरक्षा उत्पादों की मांग बढऩे की उम्मीद है जिससे भविष्य में बीमा कंपनियों के मुनाफे में सुधार आ सकता है। केवल उतना ही नहीं, इक्विटी बाजार में आई हालिया उछाल बीमाकर्ताओं के लिए इस रूप में एक बेहतर मौका है कि वे बाजार की जानकारी रखने वाले ग्राहकों को उच्च रिटर्न दिलाने के लिए यूलिप बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि ब्याज दरों में कमी आ रही है, इसके कारण भी गारंटीशुदा रिटर्न प्लान की बिक्री में उछाल आई है। एलआईसी ने चालू वित्त वर्ष में अब तक इक्विटी में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
