इलिक्विड शेयरों की संख्या में इजाफा | सचिन मामबटा / मुंबई July 18, 2020 | | | | |
ऐसे सूचीबद्घ शेयरों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है जिनका बाजार पूंजीकरण 10 करोड़ रुपये से कम है। इन कंपनियों के शेयरों को कोविड-19 महामारी के बीच कम कारोबार की वजह से इलिक्विड यानी बेनकदी शेयर घोषित किया गया है। जून तिमाही में कुल 423 शेयरों को बेनकदी घोषित किया गया। जून 2019 में यह संख्या 340 और जून 2018 में 223 थी।
बीएसई वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यदि किसी शेयर में अदला-बदली की औसत दैनिक वैल्यू पिछले 6 महीनों के दौरान दो लाख रुपये से कम रहती है तो उसे बेनकदी समझा जाता है। इसमें वे कंपनियां शामिल नहीं हैं जिनमें सभी शेयरों की वैल्यू या बाजार पंजीकरण 10 करोड़ रुपये तक है। पिछले तीन वर्षों में से दो में लाभांश चुकाने वाली कंपनियों को भी इस श्रेणी से अलग रखा गया है। साथ ही वे कंपनियां भी बेनकदी नहीं समझी जाती हैं जो मुनाफे, बुक वैल्यू से संंबंधित मानक पूरी करती हैं और जिनमें मालिकों या प्रवर्तकों ने पिछले तीन महीनों में उधार लेने के लिए अपने कुल शेयरों का 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा गिरवी नहीं रखा हो। बेनकदी शेयर समय समय पर होने वाली कॉल ऑक्शन व्यवस्था में स्थानांतरित किया जाता है। इससे खरीदारों और विक्रेताओं को नीलामी के जरिये बेहर कीमत तलाशने में मदद मिलती है। इस तरह की नीलामी एक घंटे के लिए होती है। पहले 45 मिनट में ऑर्डरों को शामिल करने, संशोधित और रद्द करने की अनुमति होती है। 8 मिनट का समय ऑर्डरों के मिलान और सौदों की पुष्टि के लिए दिया जाता है। शेष 7 मिनट को अगले सेशन के लिए बफर पीरियड के तौर पर गिना जाता है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म चूड़ीवाला सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक आलोक सी चूड़ीवाला के अनुसार, हाल के महीनों में छोटे निवेशकों की संख्या में इजाफा हुआ है, और उन्हें बेनकदी प्रतिभूतियों में फंसने से बचाए जाने (खासकर तब, जब वे बाजार में नए हों) की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा विकल्प है जिसमें उन्हें नुकसान होने की आशंका रहती है।'
एनएसई से प्राप्त जून के आंकड़े में कहा गया है कि सक्रिय कारोबारियों की संख्या बढ़कर 1.2 करोड़ हो गई है। इनमें से ज्यादातर ऐसे नए निवेशक हैं जो कोविड-19 संकट की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान बाजार में सक्रिय हुए हैं। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि बेनकदी शेयरों का औसत बाजार पूंजीकरण चार करोड़ रुपये से नीचे रहा है। चूड़ीवाला का मानना है कि निवेशकों को तरलता वाले शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर्स फोरम के चेयरमैन उत्तम बागड़ी ने भी नए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, 'छोटे निवेशकों को हमेशा कंपनी के बुनियादी आधार का अध्ययन करना चाहिए या निवेश से पहले अच्छी सलाह लेनी चाहिए।'
छोटी और गैर तरलता वाली कंपनियों में निवेश को लेकर चेतावनी इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि उनके बड़े प्रतिस्पर्धियों को भी आय को लेकर संघर्ष का सामना करना पड़ा है।
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