नई दिल्ली और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनस (सीएसटी) रेलवे स्टेशनों के उन्नयन के लिए बोलियां दो सप्ताह के भीतर आमंत्रित की जा सकती हैं। यह देश के सबसे ज्यादा भीड़ वाले प्रमुख स्टेशनों में शामिल है। इसमें 6,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हो सकता है। अब रेलवे का परिचालन सामान्य रहने पर सीएसएमटी से करीब 1,300 स्थानीय और लंबी दूरी की रेलगाडिय़ों की आवाजाही होती है और यहां से 10 लाख से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। वहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 2 लाख यात्रियों की आवाजाही प्रतिदिन होती है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा, 'नई दिल्ली और मुंबई रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी मंजूरी समिति (पीपीपीएसी) के विचाराधीन है। 10 से 15 दिन के भीतर हम इन स्टेशनों के लिए बोली आमंत्रित करेंगे।' इस मामले से नजदीकी से जुड़े एक सूत्र ने संकेत दिए कि इसमें 6,642 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है, जिसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 5,000 करोड़ रुपये और सीएसएमटी स्टेशन पर 1,642 करोड़ रुपये निवेश होने की संभावना है। दिलचस्प है कि इन सबी स्टेशनोंं पर एयरपोर्ट की ही तरह से पहले से ही तय उपभोग शुल्क यात्रियों व आगंतुकों पर लगेगा, जो इन स्टेशनों को विकसित करने वाले ठेकेदारों के राजस्व का स्रोत होगा। नागपुर, ग्वालियर, अमृतसर और साबरमती सहित चार रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए 9 कंपनियों को चुना गया है, जो सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी मॉडल पर काम करेंगी। जिन कंपनियोंं को चुना गया है, उनमें जीएमआर बिजनेस ऐंड कंसल्टेंसी, जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन, एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स, मोंटे कार्लो, जेकेबी इन्फ्रास्ट्रक्चर, कल्याण टोल इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग शामिल हैं। यादव ने कहा, 'हमने 2 महीने में इन टेंडरों को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है।' स्टेशन पुनर्विकास रेलवे के बुनियादी ढांचा विकास में अगले 5 साल में 13.68 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की महत्त्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। यादव ने कहा, 'बड़ी परियोजनाओं में 2021 में चालू होने वाला समर्पित मालवहन गलियारा, मार्च 2023 तक बनने वाले 130 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार वाले उच्च घनत्व नेटवर्क (एचडीएन), मार्च 2024 तक सभी एचडीएन का विद्युतीकरण और एचडीएन मार्गों का आगे उन्नयन कर मार्च 2025 तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे क्षमता वाला बनाना शामिल है।'
