एयर एशिया इंडिया में एयर एशिया गु्रप बेरहाड की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्यांकन पिछले एक साल में करीब आधा घटकर 550 करोड़ रुपये रह गया है। मौजूदा कोरेानावायरस महामारी और भारतीय उद्यम के बढ़ते नुकसान की वजह से इस मूल्यांकन में यह बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मूल्यांकन रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय फंड (जो गैर-सूचीबद्घ संयुक्त उपक्रम में एयर एशिया बेरहाड की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक है) के लिए चार बड़ी ऑडिट कंपनियों में से एक द्वारा तैयार की गई है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, एयरलाइन में 51 प्रतिशत स्वामित्व वाला टाटा समूह इक्विटी भागीदार के तौर पर विदेशी फंड की योजना के लिए स्वतंत्र है और इस निवेश पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी। टाटा समूह को एयर एशिया समूह के शेयरों पर इनकार का पहला अधिकार हासिल है और यदि विदेशी फंड हिस्सेदारी खरीदने में विफल रहता है तो वह (टाटा समूह) शेयर खरीदने के लिए तैयार है। अधिकारी ने कहा, 'अब हमें यह देखना है कि क्या टोनी फर्नांडिस (एयर एशिया समूह के मालिक) इस मूल्यांकन पर सहमत हैं या नहीं।' अधिकारी ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान एयरलाइन के मूल्यांकन में भारी गिरावट आई है जो दुनियाभर की अन्य एयरलाइनों (सूचीबद्घ और गैर-सूचीबद्घ दोनों) के मूल्यांकन में आई कमजोरी के अनुरूप है। गुरुवार तक, स्पाइसजेट का कुल बाजार मूल्यांकन 2,988 करोड़ रुपये था, जबकि बड़ी प्रतिस्पर्धी इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो एयरलाइंस की मालिक) का बाजार मूल्य 38,100 करोड़ रुपये था। पिछले एक साल में स्पाइस की बाजार वैल्यू 62.2 प्रतिशत घटी है, जबकि इंटरग्लोब के संदर्भ में यह आंकड़ा 31.6 प्रतिशत है। 1 अप्रैल से, स्पाइसजेट की बाजार वैल्यू 35 प्रतिशत घटी है और इंडिगो के मल्यांकन में 7.5 प्रतिशत की कमी आई है। जहां एयर एशिया इंडिया के बेड़े में 30 विमान हैं, वहीं प्रतिस्पर्धी स्पाइसजेट के बेड़े में 117 विमान हैं। अधिकारी ने कहा, 'ऐसे समय में जब दुनियाभर में एयरलाइनें दिवालिया समाधान के लिए आवेदन कर रही हैं, एयर एशिया समूह का मूल्यांकन उचित लग रहा है।' टाटा समूह को इस बारे में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं आया है। एयर एशिया इंडिया के मूल्यांकन में गिरावट इस वजह से भी आई है कि एयरलाइन ने इस साल मार्च तिमाही में 928 करोड़ रुपये के राजस्व पर 330 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया। 2019 की मार्च तिमाही में 631 करोड़ रुपये के राजस्व पर नुकसान 147 करोड़ रुपये था। ऑडिटरों द्वारा चिंता जताए जाने के बाद पिछले सप्ताह एयर एशिया समूह ने कहा कि वह समूह के व्यवसाय के कुछ खास सेगमेंट में निवेशक तलाश रहा है। कंपनी मार्च तिमाही में 18.8 करोड़ डॉलर की त्रैमासिक नुकसान की घोषणा कर चुकी है। निवेशक तलाशने की घोषणा में भारत का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन पिछले महीने मीडिया में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फर्नांडिस भारत और जापान में एयरलाइनों में हिस्सेदारी बिक्री की संभावना तलाश रहे हैं।जून तक पी-नोट्स से निवेश बढ़कर 62,138 करोड़ रुपये घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से होने वाले निवेश में जून में लगातार तीसरे महीने बढ़त दर्ज की गई। जून के अंत तक यह 62,138 करोड़ रुपये रहा। पी-नोट्स को पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जारी करते हैं। यह ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी किया जाता है जो स्वयं पंजीकरण कराए बिना भारतीय बाजारों में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें इसकी एक तय प्रक्रिया से गुजरना होता है। सेबी के आंकड़ों के अनुसार घरेलू पूंजी बाजार में पी-नोट्स निवेश जून अंत तक बढ़कर 62,138 करोड़ रुपये रहा। पी-नोट्स से होने वाले निवेश में इससे पहले भी मई और अप्रैल में बढ़त दर्ज की गई थी। मई अंत में यह 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था। जबकि मार्च अंत में यह गिरकर 15 साल के निचले स्तर 48,006 करोड़ रुपये रह गया था। पूंजी बाजार से आशय शेयर, बॉन्ड, हाइब्रिड सिक्योरिटीज और डेरिवेटिव सभी में आने वाले निवेश से है। जून अंत तक हुए 62,138 करोड़ रुपये के कुल निवेश में से 52,171 करोड़ रुपये शेयर बाजार, 9,572 करोड़ रुपये बॉन्ड बाजार, 231 करोड़ रुपये हाइब्रिड सिक्योरिटीज और 164 करोड़ रुपये डेरिवेटिव बाजार में निवेश किए गए। भाषा
