लॉकडाउन में ढील दिए जाने के साथ ही आयकर विभाग ने चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही (जनवरी से जून) में व्हिसलब्लोअर और मुखबिरों से मिली कर चोरी की शिकायतों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग की इस कार्रवाई से राजस्व बढ़ाने, पुराने मामलों तथा अटके मामलों की जांच आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पिछले दिनों कर अधिकारियों को करवंचन याचिकाओं (टीईपी) से मिली अहम सूचना का इस्तेमाल शुरू करने और इन पर प्रमुखता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एक कर अधिकारी ने बताया, 'कोविड-19 के कारण कर चोरी के विभिन्न मामलों में जांच रोक दी गई थी। लेकिन विभाग ने अब रुके मामलों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे संभावित मामलों में आगे की जांच की जा सकती है।' सीबीडीटी ने 9 जुलाई को एक पत्र में कहा था कि सरकार ने करदाताओं की सहूलियत के लिए तकनीक का उपयोग कर सेवा मुहैया कराने पर काफी जोर दिया है, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। पत्र में कहा गया है, 'बोर्ड (सीबीडीटी) को पता चला है कि कर चोरी के बहुत से मामलों में काम के भारी बोझ के कारण या तो ध्यान नहीं दिया जाता है या अधिकारी अपनी मर्जी से अचानक कोई मामला उठा लेते हैं, जिससे करदाताओं का उत्पीडऩ होता है।' व्हिसलब्लोअर और मुखबिरों से करचोरी की जानकारी या शिकायतें ईमेल या पत्र के जरिये मिलती हैं, जिसमें व्यक्तियों या कंपनियों के खिलाफ कर चोरी के बारे में विस्तृत सूचना या आरोप होते हैं। पत्र में कहा गया कि बोर्ड ने यह तय किया है कि इन शिकायतों के रूप में जो महत्त्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं उनका निराकरण केंद्रीकृत ढंग से तकनीक की मदद से किया जाए। सीबीडीटी का यह निर्देश भी है कि कर चोरी की सभी लंबित शिकायतों को 31 अगस्त तक जांच प्रकोष्ठ के पास भेज दिया जाए। इन्हें इनकम टैक्स बिजनेस ऐप्लिकेशन मॉड्यूल (आईटीबीए) में भी दर्ज किया जाना चाहिए। आईटीबीए आकलन मॉड्यूल है, जिसके जरिये जांच नोटिस चुने और जारी किए जाते हैं तथा कर अधिकारी इस मॉड्यूल के जरिये जारी नोटिसों का सत्यापन कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि लंबे समय से शिकायतें लंबित होने के कारण देश भर में इनकी संख्या 10,000 के पार पहुंच गई है। कर अधिकारी ने कहा, 'अक्सर आरोप लगाए जाते हैं कि करचोरी की शिकायतों का दुरुपयोग और करदाताओं का उत्पीडऩ किया जाता है। नई व्यवस्था से इस तरह की कोई समस्या नहीं रहेगी।' समझा जाता है कि कर विभाग काले धन के लंबित मामले में सहयोग के लिए दूसरे देशों के कर विभागों से संपर्क कर रहा है और विदेश में लेनदेन के बारे में ब्योरा मांगा है। सूत्रों ने कहा कि कुछ बड़े मामलों में भी जांच जल्द ही शुरू हो सकती है, जिसे महामारी की वजह से रोक दिया गया था।
