रूस के कोविड-19 टीके की होगी वैश्विक जांच | सोहिनी दास / मुंबई July 14, 2020 | | | | |
रूस के सेचनोव यूनिवर्सिटी ने नोवल कोरोनावायरस के इलाज के लिए अपने वैक्सीन का इंसान पर परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय अब दुनियाभर के देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने से पहले इस वैक्सीन की प्रभावकारिता को परखेगा। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इसे वैश्विक रूप से वितरित किए जाने में कुछ समय लग सकता है।
रूस की समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलैशनल मेडिसिन ऐंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने एजेंसी को बताया कि यूनिवर्सिटी ने मॉस्को में महामारी विज्ञान अनुसंधान केंद्र गेमालेया इंस्टीटयूट द्वारा विकसित इस वैक्सीन का परीक्षण पूरा कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, तरासोव ने कहा है कि परीक्षण में शामिल वोलंटियर के पहले समूह को 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को छुट्टी दे दी जाएगी। सेचनोव यूनिवर्सिटी के प्रैक्टिकल रिसर्च सेंटर फॉर इंटरवेंशनल कार्डियोवैसोलॉजी में 18 वोलंटियर के एक समूह को 19 जून को वैक्सीन दी गई, जबकि 20 वोलंटियर के अन्य समूह को 23 जून को वैक्सीन दी गई थी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन चिकित्सीय परीक्षण के लिए कौन से प्रोटोकॉल पर अमल किया गया था, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि रूसी नियामकों ने इस घटनाक्रम के आगामी विकास के संदर्भ में निर्णय ले लिया है।
राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी ई श्रीकुमार ने कहा, 'यह महामारी नई है। भले ही मार्च में वैक्सीन विकसित हो गई थी, लेकिन तीन महीने लगे और बड़े परीक्षण में लंबा समय लगेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह अब बड़ी आबादी पर परीक्षण के लिए आजमाई जाएगी।' डब्ल्यूएचओ भी वैक्सीन की प्रभावकारिता जांचने के लिए कदम उठा सकता है।
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