वैश्विक नकदी से सौदों में मिल रही मदद | समी मोडक / July 14, 2020 | | | | |
बीएस बातचीत
कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद 2020 की पहली छमाही इक्विटी पूंजी बाजारों (ईसीएम) के लिए शानदार रही। बैंक ऑफ अमेरिका में इंडिया इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के प्रमुख राज बालकृष्णन का मानना है कि पूंजी उगाही की रफ्तार बरकरार रहेगी। समी मोडक के साथ साक्षात्कार में उन्होंने ईसीएम गतिविधि के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य अंश:
बैंक ऑफ अमेरिका के लिए यह वर्ष अब तक कैसा रहा है?
हमारे लिए व्यस्त वर्ष था। वर्ष की शुरुआत कई इक्विटी पेशकशों और दो पर्पेचुअल बॉन्ड लेनदेन के साथ हुई। कुल आईपीओ में कमी आई है, लेकिन हमने एसबीआई काड्र्स आईपीओ को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो सबसे बड़े आईपीओ में से एक है। लॉकडाउन की घोषणा ऐसे समय में हुई जब वैश्विक और भारतीय बाजार पहले से ही गिरावट से जूझ रहे थे। मार्च के अंत में, हम एचडीएफसी लाइफ में स्टैंडर्ड लाइफ के लिए 30 करोड़ डॉलर के सौदे के साथ पूंजी बाजारों को पुन: खोलने में सक्षम हुए थे। हमने जूनन में 8.5 अरब डॉलर की उगाही के साथ 6 सौदे किए। हम कोष उगाही के सौदे अगले साल भी करने में सक्षम रहेंगे।
पहली छमाही में सौदों को किस तरह से समर्थन मिला?
कुल मिलाकर, वैश्विक नकदी ने इसमें बड़ा योगदान दिया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रयासों से भारत समेत दुनियाभर में तरलता की लहर है। दूसरा, पूंजी बाजारों का इस्तेमाल कर रही प्रत्येक कंपनी अच्छी गुणवत्ता वाली है और वह कोविड-19 से ज्यादा प्रभावित नहीं हुई है। निवेशक लॉकडाउन से ज्यादा प्रभावित और अल्पावधि झटकों को मजबूती के सामना करने वाली कंपनियों के बीच अंतर पर जोर दे रहे हैं। तीसरा पहलू यह है कि निवेशक कोविड-19 से आगे देखने और सफलता की राह पर बढऩे को इच्छुक हैं जिससे दीर्घावधि वृद्घि को बढ़ावा मिलेगा।
पूंजी बाजार काफी हद तक ब्लू-चिप कंपनियों तक सीमित हैं। क्या इस स्थिति में बदलाव आएगा?
व्यापक आधार पर बाजार में, मूल्य निर्धारण महत्वपूर्ण हो रहा है। क्या कोविड-19 से प्रभावित कंपनी के लिए पांच प्रतिशत की गिरावट पर पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) संभव होगा? शायद यह मुश्किल होगा। हालांकि एफपीओ पर विचार करने का विकल्प मौजूद है जो निष्पक्ष मूल्य निर्धारण की पेशकश करता है और इस वजह से काफी डिस्काउंट पर निवेश में मदद मिलती है। या हो सकता है कि आप राइट इश्यू पर विचार कर सकते हों। निवेशक कोविड प्रभावित कंपनियों के मामले में मूल्य के प्रति सजग हो रहे हैं।
क्या कोविड-19 की वजह से निवेशक आधार घटा है?
नहीं। हम पहले जैसी ही उच्च गुणवत्ता का निवेश देख रहे हैं। इक्विटी बाजारों में पूंजी प्रवाह मजबूत बना रहेगा। भले ही प्रवाह में कुछ कमजोरी आई है, लेकिन इसके बावजूद घरेलू एमएफ उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियों में भागीदारी को इच्छुक बने हुए हैं।
क्या हम आईपीओ में भी तेजी की उम्मीद कर सकते हैं?
यह कहना कठिन है कि कितने आईपीओ इस साल आएंगे। कुछ मामलों में, आईपीओ लाने वाली कंपनियां अच्छी तरह से पूंजीकृत हो सकती हैं या उनके पास वित्त पोषण के अन्य स्रोत हो सकते हैं, वे कमजोर मूल्यांकन के साथ पेशकश के बजाय आईपीओ को टालना पसंद करेंगी। कुल मिलाकर, हमें कुछ सौदे सफलल होने की उम्मीद है।
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