लॉकडाउन में करदाताओं को दी गई राहत खत्म | श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली July 14, 2020 | | | | |
वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉकडाउन के कारण राजस्व संग्रह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब आयकर विभाग ने लंबित कर आकलन के मामलों, खासकर महानगरों में प्रक्रिया तेज कर दी है।
राष्ट्रीय ई आकलन केंद्र ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के सभी मुख्य आयुक्तों को सोमवार को भेजे संदेश में कहा है, 'करदाताओं को ई-कम्युकेशन पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।'
राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र एक स्वतंत्र कार्यालय है, जिसकी स्थापना केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड (सीबीडीटी) ने की है। यह करदाताओं के ई-आकलन योजना का काम देखता है।
मई में सीबीडीटी ने कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बोर्ड की मंजूरी के बगैर करदाता को वह कोई पत्र न भेजें या उन्हें कोई स्कुटनी नोटिस न जारी किया जाए। ऐसा इसलिए किया गया था कि इस तरह के नोटिस से करदाताओं पर बुरा असर पड़ेगा, जो कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं।
ई-आकलन केंद्र की ओर से जारी पत्र में आगे यह भी निर्देश दिया गया है कि वे प्रति सप्ताह 5,000 आकलन का लक्ष्य रखें और चालू वित्त वर्ष के सीबीडीटी की कार्ययोजना के मुताबिक काम करें। इसमें कहा गया है, 'आप सभी लंबित आकलन की कार्यवाही के साथ काम शुरू कर सकते हैं। जिन मामलों में आंशिक प्रतिक्रिया मिली है, उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है।'
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