राखी कारोबार पर भी कोरोना की मार | रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली July 13, 2020 | | | | |
इस साल राखी कारोबार पर कोरोना की मार पड़ती दिख रही है। बड़े कारोबारियों ने बिक्री घटने के डर से कम माल खरीदा है, वहीं छोटे कारोबारी भी कमजोर मांग और पैसे की तंगी के कारण ज्यादा माल खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इस बीच भारत-चीन तनाव के कारण चीन से आने वाली राखी के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि चीन से सीधे राखी का आयात नहीं होता है, मगर राखियों में इस्तेमाल होने वाला सजावटी सामान जैसे कि फोम, स्टोन, पन्नी आदि चीन से आयात होते हैं।
मोटे अनुमान के मुताबिक करीब 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये मूल्य के राखी से जुड़े सजावटी आइटम चीन से आयात किए जाते हैं। चूंकि ये सामान पिछले साल ही आ चुका था, इसलिए कारोबार पर बहिष्कार का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। देश भर में राखी का कारोबार करीब 5,000 से 6,000 करोड़ रुपये का है, जो इस साल घटकर 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये रह सकता है। देश में पश्चिम बंगाल राखी निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र है, जिसका कुल कारोबार में 50 से 60 फीसदी हिस्सा है। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई और गुजरात में भी बड़े पैमाने पर राखियां बनती हैं।
पश्चिम बंगाल के राखी निर्माता संजय बंसल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि ज्यादातर राखी के ऑर्डर आ चुके हैं, जो पिछले साल से 70 फीसदी कम हैं। विक्रेताओं ने कोरोना के कारण बिक्री घटने के डर से कम ऑर्डर दिए हैं। दिल्ली के सदर बाजार में राखी के प्रमुख थोक कारोबारी अनिल गुप्ता ने बताया कि बाहरी राज्यों से कारोबारी नहीं आ रहे हैं, जो ऑर्डर मिले हैं, वे फोन पर ही मिले हैं। दिल्ली में कोरोना की स्थिति देखते हुए सदर बाजार में खुदरा में राखी बेचने वालों की भी कमी रहेगी। ऐसे में इस साल 30 से 40 फीसदी कारोबार होने की संभावना है। सदर बाजार के ही राखी कारोबारी विमल जैन कहते हैं कि इस साल राखी का कारोबार अब तक का सबसे खराब रहने वाला है। इसी बाजार के एक थोक कारोबारी ने बताया कि पिछले साल करीब 90 लाख रुपये की राखी बिकी थी लेकिन इस साल 30 लाख रुपये का माल बेचना भी मुश्किल लग रहा है।
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टेडर्स के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि संगठन देश में राखी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शहरों में 10 राखियों का सेट बनवा रहा है, जिसमें राखियों के अलावा रोली, अक्षत और मिश्री होगी। ये सेट कारोबारियों के बीच बांटे जाएंगे।
दिल्ली के सदर बाजार में राखी एक रुपये से लेकर 70 रुपये तक बिक रही है। बच्चों के लिए पबजी, अवेंजर राखी की कीमत 5 से 15 रुपये प्रति नग है। कार्टून ब्रांड मोटू-पतलू राखी 3 से 10 रुपये, मैटेलिक राखी 180 से 300 रुपये दर्जन व एंटीक राखी 600 से 750 रुपये दर्जन बिक रही है।
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