एडलवाइस म्युचुअल फंड भारत बॉन्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की दूसरी किस्त 14 से 17 जुलाई तक खरीदारी के लिए खोलेगा। वर्ष 2019 में इसके पहले निर्गम के जरिये 12,400 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। एडलवाइस म्युचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा, 'इस शृंखला में दो और नए ईटीएफ आएंगे, जो 2025 और 2031 में परिपक्व होंगे। इनके नाम भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2025 और भारत बॉन्ड ईटीएफ 2031 हैं। इन ईटीएफ की रूपरेखा पहली भारत बॉन्ड ईटीएफ शृंखला के समान है। हमारे हिसाब से आजकल के माहौल में सुरक्षा सबसे जरूरी है, इसलिए निवेशकों की तरफ से इन ईटीएफ की अच्छी मांग आएगी।' हालांकि शेयरों को किसी भी निवेश पोर्टफोलियो में सबसे बेहतर माना जाता है मगर मुश्किल दौर में बॉन्डों को बेहतर दांव के रूप में देखा जाता है। उन बॉन्ड को ज्यादा तवज्जो दी जाती है, जिनकी गारंटी सरकार लेती है। कम जोखिम यह ईटीएफ केवल सावर्जनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जारी उन एएए रेटिंग प्राप्त बॉन्डों में निवेश करेगा, जो ईटीएफ की परिपक्वता तक या पहले परिपक्व हो जाएंगे। यह ईटीएफ बॉन्डों को परिपक्वता तक बनाए रखेगा और उनसे प्राप्त कूपन (ब्याज आय) का योजना में ही फिर से निवेश कर दिया जाएगा। इसमें आप लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं, इसलिए एक तरह से आप फिर से निवेश के जोखिम को भी कम कर पाते हैं। इसके साथ ही इन ईटीएफ में ब्याज दर का भी जोखिम होगा, जो परिपक्वता पर निर्भर करेगा। तरलता कम आनंद राठी वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ (डिजिटल वेल्थ मैनेजमेंट) श्रीराम अय्यर ने कहा, 'यह उस निवेशक के लिए डेट आवंटन का एक हिस्सा हो सकता है, जो परिपक्वता तक निवेश को बनाए रखने के बारे में विचार कर रहा है और इस बात को लेकर सुनिश्चित है कि उसे अगले 5 से 10 साल में इस पैसे की जरूरत नहीं होगी। इसके बावजूद आपात जरूरत पडऩे पर ईटीएफ का लिक्विडिटी फीचर मददगार साबित हो सकता है। हालांकि इसके साथ शर्त जुड़ी है कि प्राप्त प्रतिफल निर्धारित स्तर से कम हो सकता है।' भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2025 संस्करण का सांकेतिक प्रतिफल 5.71 फीसदी है, जबकि अप्रैल 2031 संस्करण का 6.82 फीसदी है। गुप्ता ने कहा, 'खुदरा निवेशक डीमैट खाता नहीं रखते हैं। इसे मद्देनजर रखते हुए हम सीरीज-1 की तरह फंड ऑफ फंड का रास्ता भी मुहैया कराएंगे।' पूंजी की सुरक्षा इक्विरियस वेल्थ के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख देवांग कक्कड़ ने कहा, 'इन ईटीएफ में निवेश को अगर परिपक्वता तक बनाए रखा जाएगा तो प्रतिफल की सुनिश्चितता मिलेगी और पूंजी अधिक सुरक्षित रहेगी। इस समय कम ब्याज दरों का दौर चल रहा है, इसलिए निवेशक एक छोटा हिस्सा आवंटित करने के बारे में विचार कर सकते हैं। वे प्रतिफल को निश्चित दर पर लॉक करने को तरजीह दे सकते हैं।' इंडेक्सेशन लाभ ईटीएफ में अन्य बचत योजनाओं की तुलना में कर का फायदा भी मिलता है। अय्यर ने कहा, ' हालांकि कम लागत और कर किफायत इसके पक्ष में है। मगर मैं उन निश्चित आय योजनाओं में पैसे को बंद करने का पक्षधर नहीं हूं, जिनमें सुनिश्चित मगर एचएनआई महंगाई 9-10 फीसदी से कम प्रतिफल मिलता है।' हालांकि डेट फंडों में क्रेडिट की समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए यह पेशकश आकर्षक नजर आ रही है, जिसमें पोर्टफोलियो में केवल पीएसयू कंपनियों के बॉन्ड होंगे। अय्यर ने कहा कि इसमें निश्चित रूप से उन निवेशकों को लक्षित किया गया है, जो सुनिश्चित प्रतिफल चाहते हैं। इसलिए जो व्यक्ति सेवानिवृत्त हो चुके हैं या सेवानिवृत्ति के नजदीक हैं और उचित एवं तुलनात्मक रूप से कर किफायती प्रतिफल तलाश रहे हैं, वे अपने डेट आवंटन का 10 से 20 फीसदी निवेश कर सकते हैं। इन ईटीएफ की लागत कम है, जो परिसंपत्ति की 0.0005 फीसदी है। वहीं आम तौर पर बॉन्ड फंड करीब 1-2 फीसदी शुल्क लेते हैं। इनक्रेड वेल्थ के एक प्रवक्ता ने कहा, ' हमारा मानना है कि जोखिम से बचने वाले निवेशक पांच साल के निर्गम में निवेश कर सकते हैं क्योंकि 11 साल के निर्गम से पोर्टफोलियो में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा (अधिक अवधि की वजह से)। जो निवेशक जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं, वे 11 साल के निर्गम के बारे में विचार कर सकते हैं।'
