जोखिम वाले रियल एस्टेट ऋणों से परेशान गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) विशेष फंडों को अपने पोर्टफोलियो बेच रही हैं। 2018 में आईएलऐंडएफएस संकट के बाद से एनबीएफसी के समक्ष पैदा हुई नकदी किल्लत, उसके बाद महामारी और लॉकडाउन ने डेवलपर ऋणों को जोखिम वाला बना दिया है। हालांकि डेवलपरों के लिए ऋण भुगतान पर स्थगन को अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि उन्हें ऋणदाताओं को भुगतान में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। पिछले कुछ सप्ताहों में, ईसीएल फाइनैंस (एडलवाइस की एनबीएफसी कंपनी) और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस जैसी कंपनियों द्वारा ऐसे 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के ऋण बेचे गए हैं या पुनर्वित्त किए गए हैं। इस तरह के सौदों से जुड़े बैंकरों का कहना है कि वित्त वर्ष 2021 में ऐसे करीब 8,000 करोड़ रुपये के ऋण बेचे या पुनर्वित्त किए जा सकते हैं। ओकट्री कैपिटल, एसएसजी कैपिटल, और फरालॉन कैपिटल जैसे वैश्विक फंडों ने इस तरह के ऋण खरीदे हैं। सर्टस कैपिटल के संस्थापक और केकेआर की भारतीय रियल्टी इकाई के पूर्व प्रमुख आशिष खंडेलिया ने कहा कि विभिन्न एनबीएफसी और एचएफसी के बहीखातों में करीब 50 अरब डॉलर के डेवलपर ऋण शामिल हैं, जिनमें से कुछ को नए खरीदारों की जरूरत है। हाल में इंडियाबुल्स ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिये ओकट्री के साथ अपने कुछ रियल एस्टेट सौदों को पुनर्वित्त किया था। इस में ओकट्री की नकदी प्रवाह के संग्रह में मजबूत स्थिति है। ओकट्री कैपिटल ने जनवरी 2019 में डीएचएफएल से 1,375 करोड़ रुपये के ऋण खरीदे थे। ओकट्री ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के वाइस-चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गगन बंगा ने कहा, 'इससे हमें नकदी बढ़ाने और अपने बहीखाते को पुन: संतुलित करने में मदद मिलेगी। हम एक साल में रिटेल ऋणों को अपनी कुल ऋण बुक के 90 प्रतिशत के बराबर लाना चाहते हैं।' इंडियाबुल्स की ऋण बुक मार्च में 69,676 करोड़ रुपये पर थी, और 25,000 करोड़ रुपये के डेवलपर ऋण शामिल थे। खबरों के अनुसार ईसीएल फाइनैंस ने फरालॉन कैपिटल और एसएसजी कैपिटल को 4,000 करोड़ रुपये के रियल्टी ऋण भी बेचे हैं। एडलवाइस के एक अधिकारी ने कहा कि समूह ने हाल में दो वैश्विक निवेशकों के साथ 4,000 करोड़ रुपये की बिक्री सौदा किया है। अधिकारी ने कहा, 'हमने वित्त वर्ष 2021 में अपने होलसेल पोर्टफोलियो का अन्य 3,000 करोड़ रुपये का हिस्सा भी बेचने और अगले दो साल में इसे घटाकर शून्य पर लाने की योजना बनाई है।' माना जा रहा है कि आईआईएफएल फाइनैंस भी अपने 4,560 करोड़ रुपये की रियल एस्टेट बहीखाते को बेचने के लिए एसएसजी कैपिटल और अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के साथ बातचीत कर रही है।
