आईओसी की परियोजनाएं सुचारु | शाइन जैकब / नई दिल्ली July 09, 2020 | | | | |
लॉकडाउन की वजह से शुरुआती झटके सहने के बाद सरकार संचालित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने अब अपनी कई परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू कर दिया है। यह परियोजनाएं लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से जुड़ी हुई हैं। कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा, '20 अप्रैल को लॉकडाउन में नरमी के बाद से इंडियन ऑयल ने 336 परियोजनाओं पर काम शुरू किया है जो लगभग 1-1 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से जुड़ी हुई हैं और इनकी कुल अनुमानित परियोजना लागत 1.04 लाख करोड़ रुपये है।'
इन परियोजनाओं पर जून 2020 के अंत तक खर्च की गई राशि लगभग 1,764 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, जुलाई के पहले सप्ताह से 50 से ज्यादा परियोजनाओं को फिर से चालू किया गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 26,143 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च निर्धारित किया है। पहली तिमाही में कोरोनावायरस महामारी की वजह से कई समस्याओं से जूझने वाली आईओसी ने 2,674 करोड़ रुपये का अनुमानित पूंजीगत खर्च किया है। बयान में कहा गया है कि इन बड़ी परियोजनाओं से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, पूरे देश में पेट्रोलियम उत्पादों की आसान आपूर्ति सुनिश्चित होगी और लॉकडाउन के बाद काम पर लौटने की संभावना तलाश रहे लोगों को भी राहत मिलेगी।
20 अप्रैल से 30 जून की अवधि के दौरान इन परियोजनाओं में कार्य के मानव दिन करीब 13.3 लाख थे और इन पर हुआ खर्च लगभग 276 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के बयान में कहा गया है, 'इंडियन ऑयल की पूंजीगत खर्च योजनाएं देश में दीर्घावधि मांग संभावनाओं पर आधारित हैं। ये परियोजनाएं आगामी ऊर्जा मांग पूरी किए जाने के साथ साथ 'आत्मनिर्भर भारत' के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार आने पर रोजगार सृजन के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं।'
जिन प्रमुख परियोजनाओं का काम फिर से चालू किया गया है, उनमें 3,338 करोड़ रुपये लागत वाली पारादीप-हैदराबाद उत्पाद पापलाइन शामिल है जो ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जरिये 1,212 किलोमीटर से जुड़ी हुई है। इसके अलावा 3,028 करोड़ रुपये की पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर तरलीकृत पेट्रोलियम गैस पाइपलाइन और पटना तथा मुजफ्फरपुर तक इसका विस्तार शामिल है। वहीं 6,025 करोड़ रुपये की एन्नोर-तिरूवलूर-बेंगलूरु-पांडिचेरी-नागपट्टिनम-मदुरै-तूतीकोरिन आर-एलएनजी पाइपलाइन पर भी काम शुरू हुआ है। यह परियोजना तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पांडिचेरी और कर्नाटक के जरिये 1,170 किलोमीटर लंबी है।
इसके अलावा कोच्चि में एलपीजी आयात इकाइयों (714.25 करोड़ रुपये), पारादीप में एलपीजी आयात इकाइयों (690 करोड़ रुपये), कांडला इम्पोर्ट टर्मिनल की क्षमता वृद्घि, मोतिहारी में पेट्रोलियम, तेल और ल्युब्रिकैंट (पीओएल) टर्मिनल का निर्माण (522 करोड़ रुपये) और हैदराबाद में पाइपलाइन टेप ऑफ पॉइंट (टीओपी) टर्मिनल (611 करोड़ रुपये) पर भी काम पुन: शुरू हुआ है।
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