बीएसएनएल की जमीन बेचने की प्रक्रिया शुरू | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली July 09, 2020 | | | | |
केंद्र सरकार ने सरकारी दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की जमीन बेचकर धन जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति विभाग (दीपम) ने कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई, जेएलएल और नाइट फ्रैंक को महामारी के दौरान इस तरह की बिक्री की व्यावहारिकता देखने का काम सौंपा है।
सलाहकार इस सिलसिले में महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बीएसएनएल और एमटीएनएल की संपत्ति के मुद्रीकरण से करीब 37,500 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले सप्ताह एक बैठक कर चर्चा की थी। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) से अब प्रक्रिया तेज करने को कहा गया है।
सलाहकार बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन संपत्तियों के मूल्यांकन का काम देखेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उसके बाद कंपनियां इन संपत्तियों को प्राथमिकता देंगी।
इस सिलसिले में बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा मांगी गई जानकारी पर सीबीआरई, जेएलएल और नाइट फ्रैंक ने कोई जवाब नहीं दिया।
बीएसएनएल और एमटीएनएल की जमीनें बेचकर जुटाए गए धन से सरकार को वित्तीय दबाव में चल रही इन सरकारी कंपनियों को मदद करने में सहायता मिलेगी।
अक्टूबर 2019 में दीपावली के एक दिन पहले सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुद्धार के लिए 70,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। कंपनी की जमीनें बेचकर धन जुटाना राहत पैकेज का हिस्सा था, जिसका इस्तेमाल कर्ज चुकाने, नेटवर्क के उन्नयन और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) में होना है। इन कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या घटाकर आधा करने का लक्ष्य है।
रियल एस्टेट संपत्तियों में जमीन के साथ भवनों को किराये व पट्टे पर देना शामिल है। एमटीएनएल के दिल्ली में ही 29 खुदरा आउटलेट हैं।
अधिकारियों ने कहा कि संपत्ति की बिक्री इन सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों को वीआरएस मुआवजा के भुगतान की महत्त्वपूर्ण कवायद है। संपत्तियों की बिक्री एकबारगी की कवायद नहीं है बल्कि यह करीब दो साल तक चलेगी।
बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सलाहकार की नियुक्त पहला कदम है। वे कुछ जानकारी मांगेंगे, जिसे हम पूरी करेंगे और उसके बाद ही बिक्री की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।' दीपम इन दोनों सरकारी कंपनियों और दूरसंचार मंत्रालय के साथ तालमेल बिठाकर काम करेगा।
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