अभी चुनौतियां बरकरार: चंद्रा | विवेट सुजन पिंटो और ईशिता आयान दत्त / मुंबई/कोलकाता July 07, 2020 | | | | |
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लोगों के जीने और काम करने के तरीके में अभूतपूर्व बदलाव आया है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज आयोजित कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह बात कही।
सभी नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आयोजित यह वर्चुअल एजीएम इसी साल फरवरी में टाटा केमिकल्स के उपभोक्ता उत्पाद कारोबार का विलय टाटा ग्लोबल बेवरिजेस लिमिटेड में किए जाने के बाद कंपनी की पहली वार्षिक आम बैठक थी। विलय के बाद वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कंपनी का समेकित राजस्व 9,637 करोड़ रुपये रहा।
चंद्रशेखरन ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मौजूदा आर्थिक परिदृश्य चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए मार्च में घोषित लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों से विशेष तौर पर भारतीय कारोबार को नुकसान हुआ। टाटा कंज्यूमर्स करीब 60 फीसदी राजस्व भारतीय बाजार से और शेष राजस्व अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जुटाती है।
चंद्रशेखरन ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न देशों द्वारा लगाई गईं लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों के कारण वित्त वर्ष 2019-20 के अंतिम महीने में हमारा कारोबार प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा, 'हालांकि हमने अपने उत्पादन को बरकरार रखा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आपूर्ति शृंखला का परिचालन बनाए रखा। लेकिन भारतीय बाजार में हमें लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों से जूझना पड़ा।'
चंद्रशेखरन ने कहा हमें बड़े पैमाने पर श्रमिकों के पलायन, परिवहन एवं आवाजाही पर पाबंधी और खुदरा परिचालन के सुचारु होने में समय लगने जैसी प्रमुख चुनौतियों से जूझना पड़ा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतर चुनौतियां लघु अवधि में दिखीं और धीरे-धीरे स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
कोविड वैश्विक महामारी का प्रभाव मिश्रित रहा। घबराहट में की गई खरीदारी और रेस्तरां के बंद होने के कारण भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों मोर्चे पर ब्रांडेड कारोबार में खुदरा एवं ऑनलाइन बिक्री में तेजी दर्ज की गई जबकि फूड सर्विस और घर के बाहर के कारोबार पर लॉकडाउन का गंभीर असर पड़ा।
शेयरधारकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और मांग अटकी हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ बाजारों में मांग सामान्य से कुछ अधिक इसलिए दिख रही है क्योंकि पैकेटबंद श्रेणी में लोगों ने स्टॉक करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में कंपनी अच्छे प्रदर्शन और अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रही है।
हालांकि स्टोरों का परिचालन सुचारु करने के मोर्चे पर टाटा स्टारबक्स संयुक्त उद्यम की रफ्तार इस साल सुस्त रहेगी। चंद्रशेखरन ने कहा कि नए स्टोर खोलने और विभिन्न शहरों में पहुंचने के लिए एक आक्रामक योजना तैयार की गई है लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण विशेष तौर पर वित्त वर्ष 2021 में उसकी रफ्तार सुस्त रहेगी। उन्होंने कहा, 'लेकिन उसमें तेजी आएगी। हम इस कारोबार के बारे में पूरी तरह आश्वस्त एवं सकारात्मक हैं।'
टाटा स्टारबक्स ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान राजस्व में 21 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जिसे नए स्टोर के खुलने और स्टोर के भीतर बेहतर प्रदर्शन से बल मिला। चंद्रशेखन ने कहा कि साल के दौरान कंपनी ने 39 नए स्टोर खोले जिससे स्टोरों की कुल संख्या 185 हो गई जो देश के 11 शहरों में मौजूद हैं। फिलहाल करीब 50 फीसदी स्टोर खुले हैं।
चंद्रशेखन ने टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के तहत नवगठित फूड एवं बेवरिजेस कारोबार के लिए वृद्धि की रूपरेखा भी तैयार की। टाटा केमिकल्स के उपभोक्ता वस्तु कारोबार का विलय टाटा ग्लोबल बेवरिजेस में करने के प्रस्ताव को फरवरी 2020 में मंजूरी दी गई थी।
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