कोरोना संक्रमण से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जिस कारण कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी और वेतन कटौती जैसे कदम उठा रही हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई उद्योगों द्वारा कर्मचारियों की छंटनी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि जब सरकार राज्य में व्यावसायिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे रही है, तो ऐसा करना ठीक नहीं है। कोरोना के कारण महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में हुए पलायन के कारण एक तरफ तो कर्मचारियों की भारी कमी है, दूसरी तरफ कर्मचारियों की छंटनी हो रही है। इस विरोधाभासी स्थिति पर चिंता जताते हुए महाराष्ट्र सरकार ने महाजॉब्स पोर्टल की शुरुआत की है ताकि राज्य के मूल निवासियों को नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। पोर्टल की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के व्यावसायिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति के बाद वे प्रवासी मजदूर धीरे-धीरे महाराष्ट्र वापस आने लगे हैं, जो लॉकडाउन के कारण अपने राज्यों में चले गए थे। आज हमारे पास नौकरियां उपलब्ध हैं, लेकिन मजदूर नहीं हैं। हालांकि, यह तथ्यात्मक स्थिति है। मैंने कल एक अजीब परिदृश्य पर गौर किया। कई उद्योगों ने श्रमिकों के वेतन में कमी शुरू कर दी है या उन्हें बर्खास्त कर रहे हैं। ठाकरे ने कहाकि राज्य के उन श्रमिकों या प्रवासी मजदूरों को जो अपने राज्यों में नहीं लौटे हैं और कार्यस्थल पर जा रहे हैं, बर्खास्त कर दिया गया है। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उद्योगपतियों के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है क्योंकि राज्य सरकार उन कठिनाइयों को हल करने की कोशिश कर रही है, जिनका वे सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के सामने अब भी कोरोना का संकट है। इस स्थिति में हम राज्य में नए निवेशों को आमंत्रित कर रहे हैं, उनके साथ एमओयू का समापन करते हुए कई सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। कोरोना कई परप्रांतीय श्रमिकों को राज्य छोड़ने का कारण बना है। परिणामस्वरूप राज्य में नौकरियां पैदा हो रही हैं, लेकिन एक तरफ श्रमिक नहीं हैं, और दूसरी तरफ कुछ उद्योग श्रमिकों को हटा रहे हैं। यह बिल्कुल उचित नहीं है। राज्य सरकार उद्यमियों की परेशानियों वाले मुद्दों के निराकरण के लिए तैयार है। ऐसे में श्रमिकों की संख्या को कम करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उद्योग विभाग को इन सभी उद्यमियों से बात करनी चाहिए और उन्हें आश्वस्त करना चाहिए कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य के उद्योगों में 50,000 नौकरियां उपलब्ध हैं इसलिए, इस पोर्टल के माध्यम से सरकार ने नौकरी चाहने वालों और नौकरी देने वालों के बीच समन्वय करने की कोशिश की है। पोर्टल ने इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स, रसायन आदि 17 क्षेत्रों को चुना है। इसमें अधिवास प्रमाण पत्र (डोमोसाइल) की शर्त शामिल है ताकि केवल स्थानीय भूमिपुत्रों को ही नौकरी के अवसर मिलें। इससे राज्य में बेरोजगारी को समाप्त करने में मदद मिलेगी। श्रम मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि यह पोर्टल महाराष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाएगा। उद्योग, श्रम और कौशल विकास के संयोजन से महाराष्ट्र को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इस पोर्टल से नए-पुराने, कुशल-अकुशल श्रमिकों को स्थायी नौकरी मिलेगी। कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि यह उद्योग नए उद्योगों के सामंजस्य के लिए उपयोगी होगा। नए उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। महापोर्टल में पंजीकरण की जानकारी ऑनलाइन नौकरी मेलों के लिए उपयोगी होगी।
