महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को राज्य के उद्योगों में भूमि पुत्रों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की। यह कदम कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुए मजदूरों की कमी के संकट को दूर करने के लिए उठाया गया है। महामारी के कारण प्रवासी मजदूर राज्य से बाहर अपने घरों को चले गए थे। सरकार की ओर से लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद महाराष्ट्र में उद्योगों ने काम करना आरंभ कर दिया है लेकिन उन्हें श्रमबल की कमी से जूझना पड़ रहा है। महा जॉब्स नाम से शुरू किए गए इस पोर्टल के जरिये फैक्टरियों और राज्य में बेरोजगार स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से महा अघाड़ी गठबंधन को भी उपने उस चुनावी वादे को पूरा करने में सहूलियत होगी जिसमें उद्योगों में 80 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को मुहैया कराने की बात कही गई थी। पोर्टल पर सूचीबद्ध नौकरियों के लिए केवल राज्य के निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। मुख्य सचिव (उद्योग विभाग) बी वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा, 'हमारे सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य में करीब 300 उद्योगों में 52,000 कुशल और अकुशल कामगारों की जरूरत है।' उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इंजीनियरिंग, रसायन, फार्मास्यूटिकल्?स और लॉजिस्टिक्स सहित 17 क्षेत्रों और 950 तरह की रोजगार भूमिकाओं की पहचान की गई है। पिछले महीने राज्य सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ समझौता किया था। हालांकि, राज्य ने चीन से 5,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को विचाराधीन रखा है जिसके लिए उसे इस मामले में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का इंतजार है।
