आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए बढ़ाई कई तरह की समयसीमा | बिंदिशा सारंग / July 05, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस संकट के लगातार जारी रहने के कारण आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए कई समयसीमाएं बढ़ा दी हैं। कई तरह की समयसीमा विस्तार एवं बदलाव के कारण हो सकता है कि आप तिथियों तथा प्रक्रियाओं को लेकर गफलत में पड़ जाएं। ऐसा हुआ तो आयकर रिटर्न भरने में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
क्लियरटैक्स के मुख्य कार्याधिकारी अर्चित गुप्ता कहते हैं, 'इस समय व्यवहारिक चुनौतियां सामने आ रही हैं। लॉकडाउन में विस्तार के कारण हो सकता है कि लोग 31 जुलाई तक कर-बचत का प्रक्रियाओं को पूरा न कर सकें। इसके अलावा, करदाताओं के पास फॉर्म 16 नहीं है और टीडीएस (स्रोत पर लगाया गया कर) या टीसीएस (स्रोत पर एकत्र कर) संबंधी प्रमाण पत्र के लिए 15 अगस्त 2020 तक समयसीमा दी गई है जिससे व्यक्ति स्व-मूल्यांकन कर टैक्स-देनदारियों की सही तरीके से गणना कर सके।' नए बदलावों में शामिल है:
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल करना
अगर आपने वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए मार्च 2020 तक आयकर रिटर्न जमा नहीं किया है तो अब आपको 31 जुलाई 2020 तक का अतिरिक्त समय मिलेगा। साथ ही, अगर आप पहले से दाखिल अपने आयकर रिटर्न को संशोधित करना चाहते हैं तो अब 31 जुलाई 2020 तक ऐसा कर सकते हैं।
गुप्ता कहते हैं, 'रिटर्न केवल तभी संशोधित किया जा सकता है जब मूल रिटर्न नियत तारीख (31 अगस्त 2019) के भीतर दाखिल किया गया हो।' पहले नियत तारीख को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया था और अब करदाता के पास एक महीने और है।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, 'भले ही रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दी गई हो, लेकिन करदाता को इस पर लगने वाले देरी शुल्क के साथ ही धारा 234 ए / बी / सी के तहत ब्याज भी देना होगा।'
स्व-मूल्यांकन कर-भुगतान समयसीमा
वित्त वर्ष 2020 के लिए छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी क्योंकि आईटी विभाग धारा 234-ए के तहत ब्याज नहीं लेगा, बशर्ते करदाता का स्व-मूल्यांकन कर-दायित्व एक लाख रुपये से अधिक नहीं है और रिटर्न विस्तारित देय तिथि (30 नवंबर 2020) तक दायर कर दिया जाता है। टैक्समैन में डीजीएम नवीन वाधवा बताते हैं, 'अगर स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान में कोई कमी रहती है या मूल देय तिथि की समाप्ति के बाद रिटर्न दाखिल किया जाता है, तो धारा 234-ए के तहत ब्याज वसूला जाता है।'
वित्त वर्ष 2020 के लिए रिटर्न जमा करना
अगर किसी व्यक्ति के खाते के लेखा परीक्षण की आवश्यकता नहीं है तो उनके लिए वित्त वर्ष 2020 के लिए आयकर रिटर्न दायर करने की 31 अगस्त 2020 थी। इसी तरह, लेखा परीक्षण की आवश्यकता वाले खातों के लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2020 थी। केंद्र ने अब दोनों ही तारीखों को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया है।
एनए शाह एसोसिएट्स में पार्टनर गोपाल बोहरा बताते हैं, 'इस तरह अब 30 नवंबर 2020 तक अगर आईटीआर जमा किया जाता है तो किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लगेगा।'
कर कटौती का दावा करने वाले निवेश
नई समय सीमा 31 जुलाई 2020 है। बोहरा कहते हैं, 'यदि कोई व्यक्ति इस समय सीमा से पहले दान / निवेश (एलआईसी / पीपीएफ / स्कूल शुल्क) करता है, तो वह वित्त वर्ष 2020 के आईटीआर में इसे लेकर कर लाभ का दावा कर सकता है। हालांकि, यह आयकर अधिनियम के तहत उपलब्ध अधिकतम सीमा के अधीन होगा।'
कटौती का दावा करने के लिए संपत्ति में निवेश
आयकर अधिनियम की धारा 54 से 54-जी के प्रावधानों के तहत पूंजीगत लाभ के संबंध में कटौती का दावा करने के लिए निवेश / निर्माण / खरीद के लिए नियत तारीख 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है, जो मूल रूप से 31 मार्च 2020 तक थी।
साथ ही, घर में निवेश या निर्माण पूरा करने, बांड या पूंजीगत लाभ खाता योजना में निवेश करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2020 कर दी गई है। गुप्ता कहते हैं, 'इसके कारण 31 जुलाई 2020 तक कर देयता का अनुमान लगाना और स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान करना मुश्किल हो जाएगा।'
|