भारत बॉन्ड ईटीएफ का दूसरा चरण शुरू | अनूप रॉय / मुंबई July 04, 2020 | | | | |
एडलवाइस म्युचुअल फंड ने 3,000 करोड़ रुपये के निर्गम के लिए शुक्रवार को भारत बॉन्ड ईटीएफ का दूसरा चरण शुरू किया। इसे 11,000 करोड़ रुपये तक के आवेदन को बनाए रखने के विकल्प के साथ पेश किया गया है।
फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फंड प्रबंधक के तौर पर एडलवाइस और सरकार के सलाहकार के तौर पर एके कैपिटल के साथ दूसरे चरण को शुरू किए जाने की घोषणा की थी।
पहला चरण पिछले साल दिसंबर में शुरू किया गया था और तब 12,400 करोड़ रुपये जुटाए। 7,000 करोड़ रुपये के एनएफओ को भी 1.8 गुना का आवेदन मिले थे। इसकी परिपक्वताएं वर्ष 2023 और 2030 से संबंधित थीं।
दो नई भारत बॉन्ड ईटीएफ शृंखलाओं की परिपक्वता अप्रैल 2025 और अप्रैल 2031 होगी। एनएफओ 14 जुलाई से शुरू और 17 जुलाई को समाप्त होगा।
एडलवाइस म्युचुअल फंड ने 2025 की परिपक्वता वाली योजना में 6,000 करोड़ रुपये के ग्रीन शू ऑप्शन के साथ 2,000 करोड़ रुपये और 2031 की परिपक्वता में 5,000 करोड़ रुपये के ग्रीन शू ऑप्शन के साथ करीब 1,000 करोड ़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
ईटीएफ निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स की कंपनियों में निवेश करेगा जिनमें एएए रेटिंग वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। म्युचुअल फंड उन लोगों के लिए समान परिपक्वताओं के साथ फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) भी शुरू करेगा, जिनके पास डीमैट खाते नहीं हैं।
एडलवाइस ने एक बयान में कहा कि इसमें 25 फीसदी हिस्सा छोटे निवेशकों के लिए और आरक्षित होगा और 75 फीसदी सेवानिवृत कोषों, क्यूआईबी और गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए होगा।
ईटीएफ पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि ईटीएफ विकल्प से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को करीब 34,000 करोड़ रुपये की अनुमति मिल सकती है, और चालू वित्त वर्ष में ऐसी कई अन्य पेशकशों की संभावना है।
ईटीएफ पहली पेशकश के शुरू होने के बाद से निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है और दो परिपक्वताओं ने सालाना आधार पर करीब 12.35 फीसदी और 12.77 फीसदी प्रतिफल दिया। पहले 100 दिन में से 84 में दो पत्रों ने बढ़त के साथ कारोबार किया। प्रत्येक परिपक्वता के लिए औसत कारोबार मात्रा लगभग 4 करोड़ रुपये रही।
फिलिप कैपिटल में निर्धारित आय खंड के कंसल्टेंट जयदीप सेन के अनुसार, मौजूदा ईटीएफ में, परिपक्वता 2023 में है जो तीन साल से कम की है, जिसने इसे दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कराधान या सूचकांक लाभ के अयोग्य बना दिया है। लेकिन नई परिपक्वताओं को ये लाभ मिलेंगे। सेन का कहना है कि खर्च अनुपात शून्य होने से भी ग्राहकों को इसका लाभ मिलेगा।
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