टाटा पावर में टाटा संस का हिस्सा बढ़ा | अमृता पिल्लई और कृष्णकांत / मुंबई July 03, 2020 | | | | |
बिजली उत्पादन करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी टाटा पावर ने आज कहा कि उसके बोर्ड ने 2,600 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के बदले प्रवर्तक टाटा संस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 45.2 फीसदी करने की मंजूरी दी है। टाटा पावर के बोर्ड ने कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार के लिए एक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) स्थापित करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। कंपनी ने कहा है कि यह पहल उसकी रणनीति पुनरुद्धार योजना का हिस्सा है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि टाटा पावर अपनी मूल कंपनी टाटा संस को 53 रुपये प्रति शेयर भाव पर तरजीही शेयरों के आवंटन के जरिये 2,600 करोड़ रुपये जुटाएगी। इसके लिए इक्विटी शेयर के निर्गम मूल्य निर्धारित कर दिया गया है जो कल के बंद भाव से 15 फीसदी अधिक है। इस शेयर आवंटन के बाद कंपनी में टाटा संस की हिस्सेदारी बढ़कर 45.21 फीसदी हो जाएगी जो फिलहाल 35.27 फीसदी है। इस प्रकार टकंपनी में टाटा समूह की हिस्सेदारी मौजूदा 37.22 फीसदी से बढ़कर 46.86 फीसदी हो जाएगी।
टाटा पावर ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को जारी एक बयान में कहा है, 'टाटा पावर के निदेशक मंडल ने 2,600 करोड़ रुपये की कुल रकम के लिए टाटा संस को तरजीही आधार पर 49,05,66,037 शेयर जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।' यह आवंटन आवश्यक मंजूरियों पर निर्भर करेगा और टाटा पावर को 30 जुलाई को होने वाली वार्षिक आम बैठक में इस प्रस्ताव पर शेयरधारकों से मंजूरी लेनी होगी।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, टाटा संस का समर्थन कंपनी के भविष्य के लिए उनके मजबूत दृढ़ निश्चय का संकेत देता है। कर्ज में कमी के जरिये यह सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाएगा और कारोबार को जारी रखने और लंबी अवधि की बढ़त की रणनीति को क्रियान्वित करने की इजाजत मिलेगी। कंपनी के निदेशक मंडल ने सैद्धांतिक तौर पर अपने अक्षय ऊर्जा कारोबार के लिए इनविट लाने की मंजूरी दे दी और इसकी सेवा शर्तों के बारे में संभावित निवेशकों से बातचीत की जाएगी। कंपनी ने कहा, टाटा पावर फंडामेंटल मजबूत कर कंपनी के रणनीतिक कायापलट पर काम कर रही है और यह काम विनिवेश और कारोबारी पुनर्गठन के जरिए होगा।
कंपनी ने हाल में कहा था कि टाटा पावर की एकीकृत अक्षय ऊर्जा क्षमता वित्त वर्ष 2020 में 2,623 मेगावॉट थी और राजस्व 3,977 करोड़ रुपये। साल में उसका कर पश्चात लाभ 441 करोड़ रुपये रहा। अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो का शुद्ध कर्ज अभी 10,622 करोड़ रुपये है।
गैर प्रमुख और कुछ निश्चित विदेशी निवेशों को बेचने, कुछ कारोबार के पुनर्गठन से कीमत हासिल होगी और कंपनी व उसकी सहायकों के ढांचे को सरलीकृत करेगी। ये चीजें कायापलट के लिहाज से अहम हैं।
बयान में कहा गया है कि इक्विटी जुटाने से टाटा पावर और उसकी सहायक कंपनियों में गैर-टिकाऊ कर्ज को घटाने में मदद मिलेगी।
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