बीएस बातचीत आरपी-संजीव गोयनका (आरपीएसजी) समूह ने फॉर्च्यून पत्रिका की प्रकाशक फॉर्च्यून मीडिया ग्रुप के साथ समझौता किया है। इस पत्रिका का पहला संस्करण एबीपी समूह के साथ भागीदारी में 2010 में शुरू किया गया था। एक साक्षात्कार में आरपी-एसजी चेयरमैन संजीव गोयनका ने ईशिता आयान दत्त को बताया कि हमने भारत में फॉर्च्यून के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की हैं। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:आपको महामारी के दौरान पत्रिका में निवेश करने का विचार दिमाग में कैसे आया? महामारी हमेशा नहीं रहेगी। मेरा मानना है कि फॉच्र्यून मीडिया से जुड़ा प्रतिष्ठित ब्रांड है और यही वजह है कि मैंने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। मैं हमेशा से यह मानता रहा हूं कि हम मीडिया में अपनी दिलचस्पी बढ़ाएंगे और अब एक सही ब्रांड, सही उत्पाद और सही समय पर इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए, हमने भारत में फॉर्च्यून का प्रकाशन करने के लिए कल फॉर्च्यून-यूएसए के साथ समझौता किया। यह हमारे लिए ओपन के बाद दूसरी पत्रिका होगी। ओपन को शुरू किए 10 साल हो चुके हैं और इसने खास पहचान बनाई है। हमने फॉर्च्यून के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।ये योजनाएं क्या हैं? हमने योजनाएं तैयार की हैं, लेकिन इनकी घोषणा से पहले टीम के साथ इनकी पुष्टि करने की जरूरत होगी और इस कार्य में चार से छह सप्ताह लगेंगे।क्या आप डिजिटल योजना के बारे में विस्तार से बता सकते हैं? फॉर्च्यून का डिजिटल वर्जन होगा और ओपन को भी डिजिटल वर्जन के साथ पेश किया जाएगा। हम डिजिटल मीडिया क्षेत्र में अधिग्रहण सौदा करने के भी नजदीक हैं। यह जुलाई में या अभी अगले सप्ताह हो सकता है। हम लाइफस्टाइल स्पेस में भी हाथ आजमाना चाहते हैं।क्या डिजिटल अधिग्रहण समाचार क्षेत्र में होगा? हां, यह समाचार क्षेत्र में है।क्या आप मानते हैं कि खासकर मौजूदा महामारी के दौर में डिजिटल का जोर बढ़ा है? डिजिटल क्षेत्र मीडिया का अहम हिस्सा होगा। मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि क्या यह प्रिंट की लागत पर होगा, लेकिन यह बेहद महत्वपूर्ण होगा और इसे लोकप्रियता मिलेगी। महामारी के समय में यह ज्यादा जरूरी भी हो गया है। इसलिए, हमारी प्रमुख डिजिटल उपस्थिति होगी। अधिग्रहण जल्द होगा, लेकिन इस बारे में टीम द्वारा योजना बनाई जा रही है। हमने कुछ वरिष्ठ स्तर की नियुक्तियां की हैं।आरपीएसजी मीडिया पोर्टफोलियो कैसा दिखेगा? पोर्टफोलियो सामान्य दिलचस्पी वाला होगा। लेकिन आप टेलीविजन चैनलों और अखबारों के अधिग्रहण को इच्छुक थे। उन योजनाओं का क्या हुआ? मैं अभी भी इसे लेकर उत्साहित हूं। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि मैं अपना मीडिया व्यवसाय बढ़ाउंगा और मौजूदा कदम उसी दिशा में उठाए गए हैं। आखिरकार, हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी जगह बनाएंगे।क्या ओपन पत्रिका मुनाफे में है? कर-पूर्व लाभ के संदर्भ में मुनाफे में नहीं है। लेकिन मुनाफा हासिल करने के करीब है। मैं नहीं जानता कि कौन सा मीडिया फिलहाल कमाई कर रहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह सफल नहीं है।
