बीमा इकाइयां बेचने की तैयारी कर रहा फ्यूचर ग्रुप | देव चटर्जी / मुंबई July 01, 2020 | | | | |
बैंकों का कहना है कि फ्यूचर गु्रप सामान्य बीमा उद्यम में अपनी बड़ी हिस्सेदारी एसबीआई जनरल को और जीवन बीमा उद्यम में अपना हिस्सा प्रेमजी इन्वेस्ट को बेचने के लिए उत्साहित है।
सूचीबद्घ फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) में प्रवर्तक हिस्सेदारी 42 प्रतिशत है, जिसमें से 90 प्रतिशत बैंकों के पास गिरवी रखी हुई है। बैंकों का कहना है कि फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल में विलय किए जाने को लेकर भी बातचीत चल रही है। एफआरएल की अल्पावधि देनदारी जून के अंत तक करीब 2,200 करोड़ रुपये थी जिसे बैंकों द्वारा पुनर्वित्त किया गया है। इस लेनदेन से जुड़े एक बैंक ने कहा, 'ऋणदाताओं ने प्रवर्तकों से बीमा संयुक्त उपक्रमों की बिक्री प्रक्रिया में तेजी लाने और प्राप्त होने वाली रकम से ऋण घटाने को कह रहे हैं।' फ्यूचर समूह की सामान्य बीमा व्यवसाय में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष भागीदारी पर इटली के जेनेराली समूह का स्वामित्व है। जीवन बीमा उद्यम में, समूह की हिस्सेदारी 34
प्रतिशत है। दोनों बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी बैंकों के पास गिरवी रखी हुई है।
फ्यूचर समूह और प्रेमजी इन्वेस्ट को इस बारे में भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है। एक अधिकारी ने कहा कि आरआईएल द्वारा फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण के लिए दिए गए ऑफर पर विचार हो रहा है और अब इसे स्वीकार किए जाने को लेकर बियाणी को निर्णय लेना है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'आरआईएल का ऑफर प्रवर्तकों के लिए ज्यादा आकर्षक नहीं है, लेकिन यह फ्यूचर रिटेल को इकाई के तौर पर बचाने में सक्षम होगी। अब बियाणी को इसके बारे में सितंबर अंत तक फैसला लेना है।'
फ्यूचर गु्रप प्रवर्तक समूह का कर्ज मार्च 2018 के 11,790 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2019 में 11,970 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने के बाद वित्तीय संकट में फंस गया है। इसके साथ साथ, सूचीबद्घ इकाइयों का कर्ज भी इस साल मार्च तक बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंकरों का कहना है कि ऊंचे कर्ज और कोरोना महामारी की वजह से कम नकदी प्रवाह की वजह से प्रवर्तकों के पास हिस्सेदारियों बेचने के अलावा ज्यादा विकल्प नहीं हैं।
फ्यूचर रिटेल का शेयर मंगलवार को 128 रुपये पर बंद हुआ और उसका कुल मूल्यांकन 6,992 करोड़ रुपये पर है।
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