मई में कर राजस्व अप्रैल से ज्यादा | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली July 01, 2020 | | | | |
कर राजस्व में गिरावट मई महीने में कम होकर 37 प्रतिशत रह गई है, जो अप्रैल में 44 प्रतिशत थी। इसकी प्रमुख वजह लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील कम किए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी के कारण अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार है।
लेखा महानियंत्रक की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में सकल कर राजस्व 58,533 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के समान महीने में 93,389 करोड़ रुपये था।
मई तक केंद्र का कर राजस्व 33,850 करोड़ रुपये रहा, जो बजट लक्ष्य का महज 2.1 प्रतिशत है, जो पिछले साल की समान अवधि में बजट का 7 प्रतिशत था।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में मई महीने में तेजी आई है और यह 18,961 करोड़ रुपये हो गया है, जो अप्रैल में महज 5,942 करोड़ रुपये था। कर वसूली में कमी घटकर 45 प्रतिशत रह गई है, जबकि इसके पहले महीने में 87 प्रतिशत की गिरावट आई थी। मई तक सीजीएसटी संग्रह 24,895 करोड़ रुपये रहा, जो बजट लक्ष्य का महज 4.3 प्रतिशत है।
जीएसटी में सीजीएसटी, राज्य जीएसटी और यूटी जीएसटी, एकीकृत जीएसटी और मुआवजा उपकर शामिल होता है। सरकार ने अप्रैल और मई महीने में जीएसटी संग्रह के आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन दो महीने का कुल संग्रह करीब 95,000 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 2.13 लाख करोड़ रुपये था।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'मामूली सकारात्मक बात यह है कि केंद्र सरकार के सकल राजस्व संग्रह में गिरावट कम हुई है और यह मई 2020 में 37 प्रतिशत रह गया है, जो अप्रैल 2020 में 44 प्रतिशत था। इसमें मुख्य भूमिका अप्रत्यक्ष करों की रही क्योंकि लॉकडाउन के प्रतिबंध कम होने की वजह से लेन देन में तेजी आई है।' नायर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्यों के जीएसटी मुआवजा के लिए अपने स्रोतों से धन मुहैया कराती है तो उसका राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.7 प्रतिशत के आधार से कहीं ज्यादा होगा। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) ईवे बिल अप्रैल की तुलना में मई में तीन गुना बढ़ा है, लेकिन मार्च के पहले के स्तर की तुलना में आधा है। मई महीने में जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर 2.54 करोड़ ई-वे बिल सृजित किए गए जबकि अप्रैल में 86 लाख ई-वे बिल बने थे। जीएसटी के दौर में अगर 50,000 रुपये से ज्यादा के माल की ढुलाई की जाती है तो उसके लिए ई-वे बिल बनाया जाता है।
मुआवजा उपकर संग्रह सुधरकर मई महीने में 6,020 करोड़ रुपये हो गया है, जो अप्रैल में 990 करोड़ रुपये था। पिछले साल के समान महीने की तुलना में मुआवजा उपकर संग्रह करीब 22 प्रतिशत कम रहा, जबकि पिछले महीने में 88 प्रतिशत की गिरावट आई थी। राजस्व में गिरावट बढऩे और मुआवजा उपकर संग्रह सूख जाने की वजह से राज्यों में अनिश्चितता की स्थिति है।
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