भारत सरकार द्वारा श्याओमी की एमआई कम्युनिटी पर ऐसे समय में प्रतिबंध लगाया गया है, जब वह बुरे दौर से निकल रही थी। चीन की यह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज कंपनी जब कोविड-19 महामारी के कारण खराब बिक्री और आपूर्ति शृंखला की दिक्कतों से उबर रही थी, तब इस नए झटके से भारत में इसके कारोबारी मॉडल के मर्म पर चोट पहुंची है। वर्ष 2014 के मध्य में स्थानीय बाजार में प्रवेश करने के बाद से इस कम्युनिटी ने अपने तेज विकास और उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाले कार्यक्रम के केंद्र में बने रहने में खास भूमिका निभाई है। गूगल प्ले स्टोर पर एक करोड़ से अधिक डाउनलोड के साथ यह 'एमआई कम्युनिटी-श्याओमी फोरम' ऐप श्याओमी के अनुमानित 10 करोड़ सदस्यों वाले सुदृढ़ कम्युनिटी प्लेटफॉर्म के लिए सबसे सुविधाजनक माध्यम है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब भारत में इस ऐप पर प्रतिबंध लगने से श्याओमी को अपने कारोबारी मॉडल में यहां बदलाव करना पड़ सकता है। हालांकि अब ओप्पो, रियलमी और वनप्लस जैसी कई उपभोक्ता प्रौद्योगिकी कंपनियों के पास इसी तरह का माध्यम है, लेकिन श्याओमी के भारतीय मॉडल में एमआई कम्युनिटी का महत्त्व बाजार में उसके अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी ज्यादा है। इसने श्याओमी को ऊंचाई तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2018 के मध्य में अपने प्रवेश के चार साल के भीतर स्मार्टफोन के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में शीर्ष स्थान पर कब्जा करने में भी इसने मदद की है। श्याओमी जब टेलीविजन विज्ञापनों और लोकप्रिय खेल आयोजनों से ब्रांड की पहचान बनाने जैसे प्रचार के पारंपरिक तरीकों दूर हुई, तो इसने शुरुआत से ही दूसरों से हटकर अपने प्रशंसकों के समुदाय और मौखिक प्रचार पर भरोसा किया। जैसा कि कंपनी इसे कहना पसंद करती है - एमआई कम्युनिटी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वालों का एक बहुत बड़ा समूह है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ प्रचार वीडियो अपलोड करने और उन्हेंं प्रसारित करने की तुलना में कहीं ज्यादा काम करते हैं। देश भर में फैले ये लोग कंपनी की उन सबसे महत्त्वपूर्ण परिसंपत्तियों में से एक हैं, जिन पर वह भरोसा करती है। टेकआर्क के प्रमुख विश्लेषक फैजल कावूसा के अनुसार एमआई कम्युनिटी के रूप में दो-तरफा संचार का मॉडल उपभोक्ताओं का मूड भांपने और उपयोगकर्ताओं की सीधी सुरक्षित परख में कंपनी की मदद करता है। भारत में सक्रिय अन्य सभी समुदायों की तुलना में यह सबसे आकर्षक समुदाय है। श्याओमी के कारोबार में इसका महत्त्व है। उन्होंने कहा कि श्याओमी एक प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में प्रतिष्ठित है, न कि केवल एक हार्डवेयर बेचने वाली कंपनी के रूप में और इसलिए इस प्रकार के सॉटवेयर इकोसिस्टम में उसका वास्तविक मूल्य निहित है। ब्रांड और भविष्य में आने वाले उपकरणों के बारे में अपडेट का प्रसार करने से लेकर श्याओमी के लिए व्यक्तिगत तौर पर मौखिक रूप से ख्याति सृजित करने तक देश में श्याओमी की किस्मत के साथ-साथ ये प्रशंसक भी बढ़े हैं। वर्ष 2014 के मध्य में जब श्याओमी ने भारत में अपने पहले उपकरण की शुरुआत की, तब उसके लगभग 10,000 सदस्य थे, जो वर्ष 2018 के अंत तक बढ़कर तकरीबन 30 लाख और वर्ष 2020 तक 10 करोड़ से अधिक हो गए। इस बीच श्याओमी एक विशालकाय कंपनी के रूप में तब्दील हो चुकी है। देश के 15 करोड़ इकाई वाले स्मार्टफोन बाजार में लगभग 30 प्रतिशत हिस्से पर इसका कब्जा है और वर्ष 2018 के मध्य से शीर्ष स्थान पर कायम है। वर्ष 2015-16 में इसका राजस्व 1,046 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2018-19 में 34 गुना बढ़कर 35,300 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
