मालभाड़े में कुछ महीनों की सुस्ती के बाद प्रमुख ट्रंक मार्गों पर ढुलाई की दरों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी प्रमुख वजह पिछले कुछ दिनों में डीजल के दाम में तेज बढ़ोतरी है। इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (आईएफटीआरटी) के मुताबिक इस बढ़ोतरी के साथ ढुलाई की दरें देशबंदी के पहले की तुलना में ज्यादा हो गई हैं। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा रिश्ता माल ढुलाई की दरों से है। ट्रांसपोर्टरों के परिचालन के कुल खर्च में डीजल पर आने वाली लागत 65 प्रतिशत से ज्यादा होती है। दिल्ली में 26 जून को पेट्रोल व डीजल के दाम में क्रमश: 27 पैसे और 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद दोनों के दाम 80 रुपये के पार पहुंच गए। आईएफटीआरटी के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने कहा, 'कुछ मार्गों पर मांग ज्यादा है और ढुलाई की दरों में बढ़ोतरी 20 प्रतिशत से ज्यादा हुई है।' सिंह ने कहा, 'विनिर्माता अफरातफरी की स्थिति में हैं क्योंकि वे भंडार जमा करना नहीं चाहते और ढुलाई के लिए ज्यादा भुगतान कर रहे हैं। पहले वे लॉकडाउन के कारण उत्पाद खरीदने में सक्षम नहीं थे। उसके बाद वे अब मांग को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं। अब मांग धीरे धीरे बढ़ रही है और वे नहीं चाहते हैं कि तैयार माल का ढेर जमा हो जाए। ऐसे में वे बढ़े मालभाड़े को लेकर शिकायत नहीं कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी किराया बढ़ाने का एक मौका लेकर आया है। इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा क्योंकि मूल्य शृंखला में हर कोई बढ़ी लागत का बोझ ग्राहकों पर पडऩे वाली लागत पर डालेगा। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) की प्रमुख समिति के चेयरमैन बलमलकित सिंह ने कहा, 'इसका (डीजल के दाम में बढ़ोतरी) किसी को लाभ नहीं होने जा रहा है। न तो ट्रांसपोर्टरों को, न ट्रांसपोर्ट सेवा इस्तेमाल करने वालों के।' उन्होंने कहा कि महामारी और सुस्त आर्थिक गतिविधियों के कारण ट्रांसपोर्टर पहले से दबाव में चल रहे हैं और उनके पास भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका असर सभी मोटे अनाज और गैर जरूरी व जरूरी सामानों की फर्मों पर पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सीधा असर आम नागरिकों की जेब पर पड़ेगा और उन्हें ज्यादा दाम चुकाना होगा।तेल के बढ़े दाम के खिलाफ कांग्रेस का अभियान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि पेट्रोल व डीजल के दाम बार बार बढ़ाकर सरकार मुनाफा कमा रही है और वह लुटेरी बन गई है। उन्होंने सरकार से तेल के बढ़े दाम वापस लेने की मांग की है। उधर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार द्वारा मुनाफा कमाने के आरोपों को लेकर बचाव करते हुए कहा कि इसके लिए कांग्रेस शासित राज्य भी बराबर जिम्मेदार हैं। पार्टी के स्पीक अप अभियान के तहत गांधी ने एक वीडियो अपील जारी कर सरकार से करों में कटौती करने और लोगों पर बोझ कम करने को कहा है, जो पहले से ही आर्थिक रूप से संकट में हैं। गांधी ने कहा, 'मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर नागरिकों के साथ मांग करती हूं कि इस कठिन दौर में सरकार पेट्रोल व डीजल की बढ़ी हुई कीमतें वापस ले।' गांधी ने कहा कि सरकार जनता की परेशानियों को लेकर संवेदनहीन है।सौर सेल पर शुल्क को लेकर बैठक वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने सौर सेल के अयात पर रक्षोपाय शुल्क जारी रखने के लिए जांच को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को मौखिक सुनवाई के लिए संबंधित पक्षों की बैठक बुलाई है। मूंदड़ा सोलर पीवी, जूपिटर सोलर पावर और जूपिटर इंटरनेशनल ने इंडिया सोलर मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन (इसमा) के जरिये इस साल मार्च में रक्षोपाय शुल्क (सेफगार्ड ड्यूटी) की समीक्षा और उसे आगे भी लागू करने के बारे में आवेदन दिए थे। कंपनियों ने घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए सौर सेल के आयात पर रक्षोपाय शुल्क जारी रखने की मांग की है। भाषा
