संघ से जुड़ी संस्था ने प्रधानमंत्री को दिए आर्थिक कदमों से जुड़े सुझाव | टी ई नरसिम्हन और आदिति फडणीस / June 30, 2020 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में पेशेवरों के एक संगठन 'अर्थ यज्ञ' ने शराब और पेट्रोल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने, कम से कम 20 मंत्रालयों और 100 विभागों को बंद करने, केंद्र और राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए अपने बच्चों को दसवीं कक्षा तक सरकारी स्कूलों में भेजना अनिवार्य बनाने जैसी सिफारिशें की हैं। यह संगठन खुद को राष्ट्रवादी पेशेवरों का संगठन बताता है जो भारत की वृद्धि, सफलता और महानता के लिए प्रतिबद्ध है और इस संगठन ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भूमिका की पूरी समीक्षा करने की सिफारिश भी की है। संगठन में वकील, वैज्ञानिक, इंजीनियर, अर्थशास्त्री, चार्टर्ड अकाउंटेंट, प्रबंधन से जुड़े लोग एवं उद्यमी शामिल हैं।
इससे पहले पुणे के एक संगठन ने नोटबंदी को काले धन को तंत्र में लाने का तरीका सुझाया था जिस नीति पर सरकार ने 2016 में अमल भी किया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ अनुषांगिक संगठनों ने इस पत्र में दिए सुझावों का समर्थन किया है।
'अर्थ यज्ञ' के पत्र में कहा गया है, 'इस वक्त हालात काफी कष्टदायक हैं लेकिन इन खतरों में अभूतपूर्व अवसर भी छिपे हुए हैं। अगर हम इन्हें पहचान पाते हैं और वक्त रहते जरूरी कदम उठा लेते हैं तो भारत अपने सदियों पुराने गौरव को वापस पा सकता है।' इस पत्र में कुछ कठोर उपायों का सुझाव दिया गया है, जिनमें से कुछ कदम सरकार द्वारा पहले ही उठाए जा चुके हैं। पत्र में कहा गया है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू नहीं किया गया है और जमीनी स्तर की सूचनाओं की कमी अफसरशाही तंत्र में साफ तौर पर झलकती है। इस पत्र के मुताबिक सरकार विरोधी शक्तियों ने इसका फायदा उठाया और कई दूसरी सिफारिशें करने के साथ ही एक दुष्प्रचार अभियान चलाया गया जो 'निजी धन के राष्ट्रीयकरण' की तरह खतरनाक है।
सरकार को सही रास्ते पर लाने के लिए पत्र में संकट प्रबंधन के लिए तत्काल कदम उठाने के साथ-साथ आपूर्ति और मांग पक्ष दोनों से जुड़े उपायों के सुझाव दिए गए हैं। इसके अनुसार, एमएसएमई के लिए नियमों और एफआरबीएम कानून को एक साल के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि गृह राज्य वापस लौटने वाले प्रवासियों के कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षित करने और उन्हें अपना उद्यम स्थापित करने के लिए सरकार को ऋण सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
चीन से आयात पर ऐंटी डंपिंग शुल्क लगाने और उसे हतोत्साहित करने के लिए दूसरे उपाय अपनाने, मार्च 2021 तक या इससे आगे भी केंद्र और राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने जैसी सिफारिशें भी इस पत्र में शामिल की गई हैं।
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