जेएसडब्ल्यू संयंत्र में श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं | |
अदिति दिवेकर / मुंबई 06 29, 2020 | | | | |
कर्नाटक के बेल्लारी जिले में कोरोनावायरस संक्रमण के 70 फीसदी मामले सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाले जेएसडब्ल्यू स्टील संयंत्र से दर्ज किए जाने के बाद इस्पात उत्पादक ने अपने संयंत्र में प्रवासी श्रमिकों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर इस वायरस से मुकाबले के सख्त उपायों पर जोर दिया है।
जेएसडब्ल्यू स्टील के उप प्रबंध निदेशक विनोद नवल ने शुक्रवार को बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'हम अपने संयंत्र में नजदीक के गांवों से आने वाले करीब 11,000 श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसके बजाय हम अपनी चार कॉलोनी तथा संयंत्र स्थल पर मौजूद शेष 17,000-18,000 श्रमिकों के साथ ही परिचालन बरकरार रखेंगे।' उन्होंने कहा कि कंपनी जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मानक परिचालन प्रक्रियाओं पर अमल कर रही है। इस सप्ताह के शुरू में स्थानी निवासियों ने आरोप लगाया था कि कई कर्मियों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील फैक्टरी कोविड-19 हॉटस्पॉट में शामिल थी।
नवल ने कहा, 'पिछले एक महीने में, संयंत्र में कोविड-19 संक्रमित 256 में से 91 श्रमिकों को छुट्टी दी जा चुकी है। शेष कर्मियों में अब इसके और लक्षण नहीं दिख रहे हैं।'
बेल्लारी के तोरंगालू गांव में जेएसडब्ल्यू स्टील का 1.2 करोड़ टन क्षमता वाला इस्पात संयंत्र है। मौजूदा समय में यह संयंत्र 85-90 फीसदी क्षमता इस्तेमाल पर परिचालन कर रहा है। नवल ने कहा, 'इस संयंत्र में मौजूद श्रमिकों को निर्धारित इलाके से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और स्टाफ को सभी जरूरी सुविधाएं संयंत्र के अंदर ही मुहैया कराई गई हैं।' रिपोर्टों के अनुसार, कोविड-19 के करीब 509 मामले इस जिले से सामने आए हैं और इनमें 296 जेएसडब्ल्यू के संयंत्र से हैं। नवल ने कहा, 'प्रवासी श्रमिकों से घर रहने को कहा गया है और वे 12 जून से वैतनिक अवकाश पर हैं। कोविड-19 के मामलों में कब कमी आती है, इस पर हम विचार करेंगे और उसके बाद यह निर्णय लेंगे कि श्रमिक काम पर बुलाए जा सकते हैं या नहीं। उसी के हिसाब से पारियों की संख्या में कमी की जाएगी ओर कुछ विभागों में इन्हें तीन से घटाकर दो किया जाएगा। संयंत्र में प्रदर्शन के आधार पर कंपनी कर्मचारियों के लिए कुछ लाभ मुहैया कराने पर भी विचार कर रही है।' जेएसडब्ल्यू स्टील ऐसी अकेली निर्माण इकाई नहीं है जो कोविड-19 के प्रसार से प्रभावित हुई है। बजाज ऑटो ने इस वायरस से संक्रमण के 75 मामले पाए जाने के बाद शुक्रवार को अपनी औरंगाबाद इकाई में परिचालन बंद कर दिया। उसने मार्च में पुणे के पास चाकण में अपने कॉरपोरेट कार्यालय तथा उत्पादन संयंत्र में परिचालन बंद कर दिया था। सरकार के स्वामित्व वाली भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) में वरिष्ठ और मध्यम स्तर के करीब 40 अधिकारियों के कोविड-19 पॉजीटिव पाए जाने की खबर है। कंपनी ने अपनी एक ताजा विज्ञप्ति में कहा था कि उसके निदेशक अतुल श्रीवास्तव की दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई।
कंपनी ने कहा है, 'श्रीवास्तव की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव निकली थी और वे पिछले कुछ दिनों से 101+ बुखार से जूझ रहे थे। 10 जून को उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।' सरकार के स्वामित्व वाली ओएनजीसी ने भी पिछले सप्ताह कोविड-19 की वजह से एक कर्मचारी की मौत और अन्य 54 इससे संकमित पाए जाने के बाद पश्चिमी तट में दो खुदाई क्षेत्रों में परिचालन अस्थायी तौर पर बंद कर दिया।
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