कोलकाता स्थित यूको बैंक ब्याज दरों में और कमी आने की संभावनाएं देख रहा है। हालांकि बैंक कुछ खास क्षेत्रों को ऋण देने में काफी सतर्क रहा है लेकिन इसके बाद भी समाप्त हुए वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी की ऋण और जमा में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस के गोयल ने नम्रता आचार्य के साथ साक्षात्कार में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2009-10 काफी महत्वपूर्ण होगा। पेश है साक्षात्कार के प्रमुख अंश: आपकी नजर में चौथी तिमाही कैसी रही? जहां तक यूको बैंक की बात है तो नकदी और कर्ज के आवंटन के लिहाज से यह तिमाही काफी बेहतर रही। पूरी तिमाही के दौरान नकदी की पर्याप्तता बनी रही और इस वजह से साल-दर-साल के आधार पर हम 80,000 करोड रुपये से ज्यादा के ऋणों का आवंटन कर पाने में सफल रहे हैं। कुछ खास क्षेत्रों से कर्ज की मांग में काफी तेजी दिखाई दी जबकि कुछ अन्य क्षेत्र मसलन, रियल स्टेट, स्टील, सीमेंट, वस्त्र उद्याग को हम विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कर्ज मुहैया करा रहे हैं। जहां पर इस समय विस्तार की संभावनाएं नहीं हैं वहां पर हम कंपनियों को विस्तार नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। चौथी तिमाही में हमने जमा रकम में 20 फीसदी बढ़ोतरी की थी लेकिन इसके 23 फीसदी रहने की संभावना है। कर्ज के आवंटन की रफ्तार भी 24 फीसदी रहा जो हमारे अनुमान से ज्यादा है। क्या आपके चालू और बचत खातों (सीएएसए) में भी इसी रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है? इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे सीएएसए में बढ़ोतरी हुई है लेकिन कुल जमा रकम में हुई बढ़ोतरी की अपेक्षा इसकी रफ्तार कम रही। सीएएसए में 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई जो कुल जमा में हुई बढ़ोतरी की तुलना में कम है। क्या चौथी तिमाही के दौरान गैर-निष्पादित धन में गिरावट आई है? निश्चित तौर पर गैर निष्पादित धन में काफी कमी आई है। हमारा अनुमान है कि समग्र गैर-निष्पादित धन 1 फीसदी रह सकता है जो पिछले साल 3-4 फीसदी के बीच हुआ करता था। पिछले साल के 2 फीसदी की अपेक्षा शुध्द गैर-निष्पादित धन में 1 फीसदी के स्तर तक रह सकता है। पुनर्पूंजीकरण के बाद प्रमुख मानदंडों के प्रदर्शन में किस हद तक सुधार आएगा? इस साल 30 मार्च 2009 को सरकार की तरफ से हमारे बैंक को 450 करोड रुपये मिले हैं और कुल प्रस्तावित राशि 1,200 करोड़ रुपये थी। जल्द ही हमें बकाया रकम भी मिल जाएगी। 450 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ ही हमारी पूंजी पर्याप्तता 12 फीसदी से ऊपर हो जाएगी। आपका बैंक भी किसी छोटे बैंक के अधिग्रहण की योजना बना रहा है? फिलहाल इस समय किसी सी भी बैंक के अधिग्रहण का हमारा कोई इरादा नहीं है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन की अध्यक्षता वाली वित्तीय क्षेत्र का अध्ययन करने वाली समिति ने बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती की बात कही है। इस लिहाज से वित्त वर्ष 2009-10 काफी महत्पूर्ण होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ निजी क्षेत्र के बैंक अपने को सरकारी बैंकों के हाथों बचेने को तैयार हो सकते हैं या फिर सरकारी बैंक किसी निजी बैंक का अधिग्रहण कर सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी को लेकर आपकी क्या राय है? कुछ बैंकों ने तो पहले ही सरकारी हिस्सेदारी को घटकार 51 फीसदी तक कर दिया है। यूको बैंक में सरकारी हिस्सेदारी कम करने की गुंजाइश है क्योंकि इसमें यह हिस्सेदारी 64 फीसदी है। हम इस 13 फीसदी हिस्सेदारी को समाप्त करने बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि इस समय बाजार की स्थिति कारोबार के लिहाज से ठीक नहीं है। ब्याज दरों में आगे भी कमी की गुंजाइश बन रही है? ब्याज दरों में काफी नरमी आई है। पिछले दो महीनों के दौरान प्रधान उधारी दरों में काफी कमी आई है, साथ ही महंगाई के स्तर में कमी आने के साथ ही जमा दरों में कमी की संभावनाएं भी दिख रही हैं। जमा दरों में कटौती होने के साथ ही उधारी दरों में भी कटौती की गुंजाइश और ज्यादा हो सकती है। हमारा बैंक पहली तिमाही में अगले दो महीनों के दौरान जमा दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर सकते हैं जिसके बाद उधारी दरों में भी कटौती किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
