ब्रोकरेज फर्मों की आय की सुस्त रफ्तार | जश कृपलानी / मुंबई June 27, 2020 | | | | |
बाजार में काफी ज्यादा उतारचढ़ाव और डिलिवरी आधारित कारोबार में कमी का असर ब्रोकिंग फर्मों की आय पर पड़ा है। ऐसे में छोटी व मझोली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020 में स्थिर से लेकर नकारात्मक बढ़त दर्ज की है।
एक ब्रोकरेज फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उद्योग ब्रोकिंग प्रतिफल में गिरावट देख रहा है क्योंकि डिलिवरी आधारित कारोबार अभी भी काफी कम है। इसके साथ ही गहराती प्रतिस्पर्धा के बीच फर्मों को मिलने वाला ब्रोकरेज भी काफी कम रहा है।
वित्त वर्ष 20 में वैश्विक व देसी मंदी के बीच बेंचमार्क सेंसेक्स 22 फीसदी से ज्यादा टूटा है। सबसे बड़ी फर्मों में से एक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की ब्रोकिंग आय वित्त वर्ष 20 में 1.57 फीसदी बढ़ी। आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने पूंजी बाजार की गतिविधियों से 14 फीसदी आय दर्ज की और जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज की ब्रोकिंग आय वित्त वर्ष 2020 में एक साल पहले के मुकाबले 1.6 फीसदी कम रही।
हालांकि डिलिवरी आधारित कारोबार में सुधार होना बाकी है, लेकिन अप्रैल में नकदी बाजार की गतिविधियों में उसकी हिस्सेदारी एक तिहाई बनी रही। डिलिवरी वाला कारोबार सामान्य तौर पर ब्रोकरोंं के लिए उच्च प्रतिफल वाला कारोबार होता है।
छूट वाले ब्रोकरेज से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने ब्रोकरेज शुल्क में कमी करने के लिए बाध्य किया है, लेकिन मौजूदा कंपनियां इसकी भरपाई एन्युटी जैसे मॉडलों के जरिये करने पर विचार कर रही हैं।
उदाहरण के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने हाल में प्राइम प्लान पेश किया है और इसके जरिए वह क्लाइंटों को नई योजनाओं व सेवाओं की पेशकश करती है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज भी इस तरह की योजना के विपणन पर विचार कर रही है।
वित्त वर्ष 2020 के प्रदर्शन पर आईआईएफएल सिक्योरिटीज के सह-प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक आर वेंकटरामन ने हाल में कहा, राजस्व में गिरावट की मुख्य वजह खुदरा ब्रोकिंग राजस्व में आई कमी है, जो सालाना आधार पर करीब 11 फीसदी नीचे है।
हालांकि निवेश बैंकिंग से आय अपरिवर्तित रही और संस्थागत ब्रोकिंग का राजस्व वित्त वर्ष 20 में 23 फीसदी सुधरकर 160 करोड़ रुपये रहा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की ब्रोकिंग संबंधी आय वित्त वर्ष 20 में एक साल पहले के मुकाबले आठ फीसदी ज्यादा रही।
उद्योग में हो रहे एकीकरण से चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद बड़ी कंपनियों की आय में बेहतरी दिखी है। चौथी तिमाही की आय की घोषणा के समय मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी मोतीलाल ओसवाल ने कहा, हमारा पारंपरिक कारोबार अभी भी दुधारू कारोबार बना हुआ है और उद्योग के एकीकरण से उसे फायदा हुआ है।
क्लाइंट को जोडऩे से भी फर्म को मदद मिली है। कंपनी ने 2.42 लाख से ज्यादा क्लाइंट जोड़े, जो एक साल पहले के मुकाबले 72 फीसदी ज्यादा है। क्लाइंटों के नए खाते में तेजी तिमाही के आखिर से शुरू हुई जब बाजार में मार्च में तेज गिरावट देखने को मिली।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विजय चंडोक ने हालिया अर्निंग कॉल में कहा, काफी निवेशक बाजार से बाहर थे। मार्च में बाजार में बड़ी गिरावट देखने के बाद वे बाजार में कूद पड़े।
बायजू ने निवेश फर्म से जुटाई रकम
शिक्षण प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू ने शुक्रवार को कहा कि उसने वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेश कंपनी बॉन्ड से कोष हासिल किया है। हालांकि उसने जुटाई गई राशि का खुलासा नहीं किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि फरवरी में उसने जनरल अटलांटिक से 20 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल किया था। इसके लिए कंपनी का बाजार मूल्यांकन 8.2 अरब डॉलर आंका गया था। इससे पहले बायजू जनवरी में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट से 1.3 अरब डॉलर की राशि जुटा चुकी है। बायजू के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी बायजू रवींद्रन ने कहा कि बॉन्ड के साथ भागीदारी दिखाती है कि हम विद्यार्थियों को अपने मंच के माध्यम से पढऩे में मदद करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भाषा
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