ब्रुकफील्ड खरीदेगी जेट का कार्यालय | अनीश फडणीस और राघवेंद्र कामत / मुंबई June 26, 2020 | | | | |
ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट मुंबई के बांद्राकुर्ला कॉम्पलेक्स में स्थित जेट एयरवेज के कार्यालय परिसर में दो फ्लोर 490 करोड़ रुपये में खरीद रही है। ब्रुकफील्ड कनाडा का निवेश फंड है, जो देश में 2.5 करोड़ वर्ग फुट व्यावसायिक जगह का मालिक है। सूत्रों ने कहा कि आज की बोली में ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट ही एकमात्र बोलीदाता थी। यह जेट एयरवेज गोदरेज बिल्डिंग में 1,70,000 वर्ग फुट कार्यालय स्थान खरीदने के लिए 29,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से भुगतान करेगी।
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रुकफील्ड द्वारा लगाई गई कीमत बाजार की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए उचित कीमत है। यह कीमत नीलामी के लिए आरक्षित कीमत भी थी। इस बारे में बुक्रफील्ड ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
एक वाणिज्यिक रियल एस्टेट सेवा कंपनी जेनेक्स पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने कहा कि अगर बाजार में स्थितियां सामान्य होतीं तो इस प्रॉपर्टी की कीमत 10 फीसदी अधिक मिल सकती थी। उन्होंने कहा कि बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए 29,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की कीमत उचित है। यह अच्छी बात है कि बाजार की मौजूदा स्थितियों में भी सौदे हो रहे हैं। पिछले साल प्राइवेट इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन ने बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में 6.5 लाख वर्ग फुट जगह 40,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर पर खरीदी थी।
ये दो फ्लोर एचडीएफसी के पास गिरवी रखे हुए थे और इस बिक्री से प्राप्त होने वाली रकम का इस्तेमाल बंद हो चुकी विमानन कंपनी के कर्ज के भुगतान में किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने इस प्रॉपर्टी की बिक्री को मंजूरी दी थी। बिक्री से प्राप्त रकम में से करीब 360 करोड़ रुपये का भुगतान एचडीएफसी को किया जाएगा। एचडीएफसी ने 424 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है। इस रकम का एक हिस्सा यूएस एक्जिम बैंक के बकाया विमान ऋण को चुकाने में किया जाएगा। जेट एयरवेज ने पिछले साल अप्रैल में परिचालन बंद किया था। यह पिछले साल जून से दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। इस विमानन कंपनी के समाधान पेशेवर (आरपी) आशीष छाउछडिय़ा ने समाधान के लिए चार कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है। संभावित खरीदार कंपनियां जेट एयरवेज की जांच-पड़ताल कर रही हैं। जेट एयरवेज के मुख्य रणनीतिक अधिकारी राजेश प्रसाद ने कहा, 'आम तौर पर विमानन कंपनियों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए मूर्त परिसंपत्तियां गिरवी नहीं रखी जाती हैं, इसलिए बिक्री से प्राप्त होने वाली रकम बहुत अधिक नहीं होती है। ऋणदाताओं के लिए एक ही विकल्प होता है।
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