अनिश्चितता के बीच सोने की चमक बरकरार | राजेश भयानी / मुंबई June 26, 2020 | | | | |
सुस्त आर्थिक हालात के बीच सोने की कीमत ने घरेलू बाजार में नया रिकॉर्ड बनाया है और यह अंतरराष्ट्रीय तौर पर आठ साल की ऊंचाई पर पहुंच गई। मुंबई के जवेरी बाजार में 995 शुद्घता वाला या स्टैंडर्ड श्रेणी का सोना एक फीसदी बढ़कर 48,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव 1,777 डॉलर प्रति औंस रहा जो अक्टूबर 2012 के बाद से सर्वाधिक है। वित्तीय निवेशक बढ़ते वैश्विक आर्थिक जोखिम की वजह से सुरक्षित परिसंपत्ति के तौर पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ और सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड, दोनों ने इस तिमाही में सोने की मांग बढ़ाने में योगदान दिया है, जिससे इसकी कीमत पारंपरिक मांग के अभाव के बावजूद रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।
बुधवार को जवेरी बाजार में 999 शुद्घता वाला सोना 48,575 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। 3 फीसदी जीएसटी के साथ 999 शुद्घता वाले सोने का भाव 50,000 रुपये के आंकड़े के पार चला गया, जिससे 24 कैरट का 10 ग्राम स्वर्ण सिक्का खरीदने वाले को 50,000 रुपये (मेकिंग शुल्क समेत) चुकाने होंगे। इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने 22 कैरट (916 शुद्घता) सोने के लिए सांकेतिक दर 46,920 रुपये प्रति 10 ग्राम घोषित की है जिसके अलावा 3 फीसदी जीएसटी भी चुकाना होगा। सोमवार को 47,937 रुपये प्रति 10 ग्राम की सर्वाधिक ऊंचाई पर बंद होने के महज दो दिन बाद सोना फिर से नई ऊंचाई पर पहुंचा है।
रेफिनिटिव के वरिष्ठ विश्लेषक (कीमती धातु) देबजीत साहा ने कहा, 'अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से, घरेलू खपत के लिए आयात 1 टन से भी कम रहा। हालांकि कई प्रमुख बाजारों के खुलने से इस महीने हालात में सुधार आया है, लेकिन मांग अभी भी सामान्य स्तरों की तुलना में 40 प्रतिशत कम है। हालांकि ईटीएफ में मजबूती बनी हुई है। सॉवरिन स्वर्ण बॉन्ड और स्वर्ण ईटीएफ, दोनों ने मजबूत प्रवाह दर्ज किया है। प्रवाह में इस अचानक तेजी के लिए लॉकडाउन की वजह से घरेलू बाजार तक पहुंच के अभाव को भी जिम्मेदार माना जा सकता है। फिर भी हमारा मानना है कि निवेशक इन दो निवेश विकल्पों पर अपने दांव बरकरार रख सकते हैं, भले ही पारंपरिक आभूषण मांग में अक्टूबर तक सुधार की संभावना नहीं दिख रही हो। अक्टूबर में त्योहार और शादियों की वजह से सोने की मांग में तेजी आती है।'
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