दिल्ली में पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल | रामवीर सिंह गुर्जर और शाइन जैकब / नई दिल्ली June 25, 2020 | | | | |
देश में पहली बार आज दिल्ली में डीजल के दाम पेटोल से ज्यादा हो गए है। डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टर माल भाड़े में वृद्धि कर सकते हैं। ट्रांसपोर्टरों की लागत में डीजल की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक है। इस माह डीजल के दाम करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। दिल्ली में आज डीजल की कीमत 79.88 रुपये, जबकि पेट्रोल की कीमत 79.76 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। हालांकि दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में डीजल अभी पेट्रोल से सस्ता है।
मौजूदा बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में पिछले 18 दिन में कुल मिलाकर पेट्रोल के दाम मे 9.41 रुपये प्रति लीटर और डीजलके दाम में 9.58 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।
कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह यह है कि केंद्र व राज्य सरकारों ने इस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क व वैट बढ़ा दिया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा, 'जब कीमतें स्थिर रखी गई थीं तो केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट भी बढ़े थे। इस समय कीमतों में जो बढ़ोतरी हो रही है, अंतरराष्ट्रीय दाम में तेजी की वजह से है।'
आल इंडिया ट्रासपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रदीप सिंघल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण ड्राइवर को अधिक वेतन, कोरोना बचाव के उपायों पर खर्च आदि के कारण खर्चे 15 से 20 फीसदी पहले की बढ़ गए थे। अब ट्रासपोर्टरों की कुल लागत में 60 फीसदी हिस्सा रखने वाला डीजल भी इस माह 15 फीसदी महंगा हो गया है। बीते दिनों बढ़ी लागत के कारण ज्यादा मालभाड़ा नहीं बढ़ सका था। लेकिन अब लागत काफी बढ़ गई है। ऐसे में अगले सप्ताह भाड़े में कम से कम 10 फीसदी वृद्धि हो सकती है। इसके लिए अब कंपनियों के साथ नये सिरे से बातचीत करनी पड़ेगी। सिंघल ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत रोजाना लगातार दाम बढऩे से है। सरकार को हस्तक्षेप कर अब वृद्धि रोकनी चाहिए, अगर करनी ही पड़े तो महीने में एक बार ही वृद्धि की अनुमति दी जाए। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सचिव नवीन गुप्ता कहते हैं कि बढ़ी हुई लागत के कारण इस समय ट्रांसपोर्टर शून्य मार्जिन पर काम कर रहे हैं। कोरोना के कारण बाजार में मांग 50 फीसदी ही है। ऐसे में बड़ी संख्या में छोटे ट्रांसपोर्टर काम बंद करने को मजबूर हो सकते हैं। लिहाजा बढ़ी लागत और गाडिय़ों की उपलब्धता घटने पर आगे 5 से 7 फीसदी भाड़ा बढ़ सकता है। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंदर कपूर ने कहा कि लॉकडाउन से पहले 10 से 15 फीसदी मार्जिन मिलता था। लेकिन मांग कमजोर के कारण कई बार घाटे में भी ढुलाई करनी पड़ती है। इससे भी नुकसान हो रहा है। अब डीजल के दाम भी 10 रुपये लीटर बढऩे से लागत काफी बढ़ गई है। लिहाजा अब भाड़े में वृद्धि करने की जरूरत है।
इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग के समन्वयक एस पी सिंह कहते हैं कि इस समय दिल्ली-मुंबई रूट पर वापसी का भाड़ा 1.05 लाख रुपये, दिल्ली-हैदराबाद का 1.30 लाख रुपये, दिल्ली-कोलकाता का एक लाख रुपये है। डीजल महंगा होने से इसमें आगे इजाफा हो सकता है। बीते दिनों में भी भाड़े में वृद्धि हुई थी।
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