इंडसइंड बैंक में हिस्सा बढ़ाने की हिंदुजा की योजना में होगी देर | हंसिनी कार्तिक / मुंबई June 24, 2020 | | | | |
हिंदुजा परिवार में कानूनी लड़ाई के कारण इंडसइंड बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने की उनकी योजना में देर हो सकती है। इस कानूनी संघर्ष से पारिवारिक संपत्तियों का विभाजन हो सकता है।
इस बैंक का प्रवर्तन होल्डिंग कंपनियों इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स और इंडसइंड लिमिटेड ने किया है, जिसका नियंत्रण हिंदुजा बंधुओं में सबसे छोटे भाई अशोक हिंदुजा के पास है।
इंडसइंड बैंक के प्रवर्तकों ने मार्च 2020 की तिमाही में अपनी हिस्सेदारी 14.34 फीसदी से बढ़ाकर 14.93 फीसदी किया है, जो वॉरंट को परिवर्तित करने और खुले बाजार से खरीद के जरिए हुआ। आरबीआई के मौजूदा नियमों के तहत प्रवर्तक किसी निजी बैंक में 15 फीसदी हिस्सेदारी रख सकते हैं।
हिंदुजा ने इस साल मार्च में इंडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 26 फीसदी करने की अनुमति बैंंकिंग नियामक से मांगी थी। सूत्रों ने कहा कि नियामक ने प्रवर्तकों से पूछा है कि इस बैंक में पूंजी के तौर पर लगाए जाने वाले फंडों की प्रकृति के बारे में जानकारी दें। सूत्रों ने कहा, नियामक का इरादा यह समझने का है कि बैंक में कैसे पूंजी लाई जाएगी और बैंक में लगाई जाने वाली पूंजी किसी तरह की देनदारी या प्रभार तो नहींं है या फिर ये किसी लंबित कानूनी संघर्ष या निपटान योजना का हिस्सा तो नहीं है, जिसके साथ हिंदुजा परिवार शामिल हों।
ये सवाल इंडसइंड के प्रवर्तकों के सामने इस महीने रखे गए थे, जिसके बारे में उन्होंने जवाब भेजा है। इस बारे में बहुत ज्यादा सूचना न देते हुए हिंदुजा समूह के प्रवक्ता ने कहा, समूह के पास नकदी की कमी नहीं है और बैंक में लगाने के लिए वह बेहतर स्थिति में है।
गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा की तरफ से मीडिया को जारी बयान में हिंदुजा फैमिली ने कहा है कि मौजूदा कानूनी सघर्ष का भारतीय परिचालनसमेत वैश्विक कारोबारी पर कोई असर नहीं होगा और उसका परिचालन पहले की तरह होता रहेगा।
एक अन्य सूत्र ने कहा, नियामक की तरह हो रहे ड््यू डिलिजेंस यानी जांच परख के संतोषजनक नतीजे और इंडसइंड बैंक में प्रवर्तकों की तरफ से हिस्सेदारी 26 फीसदी किए जाने की मंजूरी एक महीने में मिलेगी।
सितंबर 2018 में पहली बार परिसंपत्ति गुणवत्ता का मामले सामने आया, जो बैंक की तरफ से आईएलऐंडएफएस को दिए गए 3,000 करोड़ रुपये के कर्ज से जुड़ा था। तब से बैंंक के शेयर भाव पर असर दिखता रहा है।
पिछले साल इंडसइंड बैंक का शेयर 67 फीसदी टूट गया, हालांकि प्रवर्तकों की तरफ से पूंजी दिए जाने की खबहर और अन्य निवेशकों की तरफ से दिलचस्पी के बाद उसे कुछ सहारा मिला। मार्च, 2020 में इंडसइंड बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 15.04 फीसदी था, जो नियामकीय सीमा से ऊपर था। वहीं उसकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियोंं का अनुपात छह साल में सबसे खराब यानी 2.45 फीसदी रहा।
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