महामारी के बीच टोल संग्रह के क्षेत्र में कुछ उम्मीद बंधाने वाली खबरें आई हैं। बहुत से भारतीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में तेजी से सुधार नजर आ रहा है। राजमार्ग के कुछ खंडों पर ट्रैफिक कोविड से पहले के 90 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। सड़क परिसंपत्ति पोर्टफोलियो का स्वामित्व रखने वाली एक फंड कंपनी के शीर्ष कार्यकारी ने कहा, 'काफी सारे राजमार्ग खंडों पर ट्रैफिक की वापसी हो चुकी है। इनमें हमारे अपने पोर्टफोलियो भी शामिल हैं। अब ट्रैफिक की स्थिति कोविड के पहले के स्तर के 90 फीसदी या उससे अधिक हो चुकी है।' चूंकि समग्र टोल संग्रह में सुधार हुआ है, अब सरकार निजी भागीदारी के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार की उम्मीद कर रही है। केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि परियोजनाओं में से 80 फीसदी को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से पूरा किया जा सकता है। फिलहाल गडकरी के मंत्रालय की ओर से दिए गए राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से आधे पीपीपी पर आधारित हैं। आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स ने देखा है कि टोल संग्रह की स्थिति कोविड से पहले के 70 से 75 फीसदी के करीब पर पहुंच चुका है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वीरेंद्र माहिस्कर ने कहा, 'ट्रैफिक में यह सुधार चौंकाने वाला है क्योंकि बहुत सी चीजें अभी भी लॉकडाउन के दायरे में है और जिले के भीतर और उसके बाहर आवाजाही ने ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ी है।' रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने आज अपनी सालाना आम बैठक में यह भी कहा कि कंपनी का सड़क टोल संग्रह पहले ही कोविड से पहले के 75 फीसदी के स्तर पर है और अगले कुछ हफ्तों में पूरी तरह से कोविड से पहले की स्थिति पर पहुंच जाएगी। बीएस-4 मानकों को टालने पर केंद्र ने मांगी राय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कोविड-19 को देखते हुए मंगलवार को निर्माण उपकरण वाहनों के लिए बीएस-4 उत्सर्जन मानकों को लागू करने की तिथि टालने को लेकर सभी हिस्सेदारों से सुझाव मांगे हैं। ये मानक 1 अक्टूबर 2020 से लागू किए जाने हैं। मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय व निर्माण उपकरण विनिर्माताओं के अनुरोध को देखते हुए इस सिलसिले में एक अधिसूचना जारी की है। बीएस
