रेमडेसिविर के लिए हेटरो को मंजूरी | सोहिनी दास / मुंबई June 22, 2020 | | | | |
हैदराबाद की औषधि कंपनी हेटरो जल्द ही बाजार में रेमडेसिविर को लॉन्च करेगी। अमेरिकी औषधि कंपनी गिलियड की यह इंजेक्शन वाली दवा का इस्तेमाल कोविड-19 से संक्रमित रोगियों पर इसी सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी सबसे पहले महाराष्ट्र और दिल्ली में कोविफोर ब्रांड के तहत इस दवा को उपलब्ध कराएगी जहां तेजी कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है। कंपनी ने कहा है कि इसकी एक वाइल की कीमत 5,000 से 6,000 रुपये होगी।
हेटरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक वामसी कृष्ण बांदी ने कहा कि इसकी वास्तविक कीमत का खुलासा इसी सप्ताह किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि कल या परसों कीमत के मामले में निर्णय ले लिया जाएगा। इसकी इसकी एक वाइल की कीमत 5,000 से 6,000 रुपये होगी।'
हेटरो एशिया के कुछ देशों के अलावा अफ्रीकी देशों को इस दवा का निर्यात कर रही है। बांदी ने कहा, 'निर्यात के लिए रखे गए कुछ स्टॉक को राष्ट्रीय आपातकाल के लिए रखा जाएगा।' हेटरो भारतीय बाजार के लिए इस दवा का उत्पादन इसी सप्ताह से शुरू कर देगी। कंपनी को भारतीय बाजार में इस दवा के उत्पादन और बिक्रील के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है। अगले एक सप्ताह से दस दिनों के भीतर भारतीय बाजार के लिए और अधिक स्टॉक उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन सप्ताह के दौरान कंपनी भारतीय बाजार के लिए सौ हजार शिशियों की आपूर्ति कर सकती है।
कंपनी का मानना है कि घरेलू बाजार में रेमडेसिविर की उभरती मांग की तस्वीर जून के अंत तक साफ हो जाएगी।
हेटरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन बी पार्थसारथि रेड्डी ने कहा, 'भारत में कोविड-19 मामलों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर कोविफोर (रेमडेसिविर) की मंजूरी इसके सकारात्मक क्लीनिकल परिणामों को देखते हुए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। हम अपनी मजबूत एकीकृत दक्षता के आधार पर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इसे जल्द से जल्द देश भर के रोगियों के लिए उपलब्ध कराया जाए।'
हेटरो ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) के साथ-साथ प्रमुख शुरुआती सामग्री (केएसएम) भी तैयार करेगी। इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टरों के विवेक पर निर्भर करेगा कि किन रोगियों को इसके इस्तेमाल से फायदा मिल सकता है। उद्योग सूत्रों का अनुमान है कि उन क्षेत्रों में करीब 10,000 रोगियों को इसकी तत्काल आवश्यकता है जहां तेजी से कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है।
महाराष्ट्र अपने रोगियों के लिए यह दवा हासिल करने के लिए काफी उत्सुक है। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो कंपनियों- हेटरो और सिप्ला को रेमडेसिविर के उत्पादन एवं बिक्री के लिए औषधि नियामक से मंजूरी मिली है। हालांकि सिप्ला ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कंपनी जल्द ही रेमडेसिविर के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा करेगी और नियामक से उसे मंजूरी भी मिल चुकी है।
रेमडेसिविर का इस्तेमाल केवल अस्पतालों में भर्ती किए गए मरीजों पर किया जाएगा और इसकी बिक्री केवल अस्पताल चैनल के जरिये ही की जाएगी। खुदरा बिक्री चैनल के जरिये यह दवा उपलब्ध नहीं होगी। बांदी ने कहा, 'हम निजी बाजार में इस दवा को डंप नहीं करेंगे बल्कि हम रोगियों के बोझ के आधार पर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।' उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों ने रेमडेसिविर की खरीदारी में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
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