एलआईसी हाउसिंग को 3,000 करोड़ रु के एनपीए की रिकवरी की उम्मीद | अभिजित लेले / मुंबई June 22, 2020 | | | | |
एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस चालू वित्त वर्ष के दौरान कर्ज लेने वालों से करीब 3,000 करोड़ रुपये वसूली की उम्मीद कर रहा है, जिससे उसकी संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हो सके। भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह लक्ष्य कठिन नजर आता है।
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा समर्थित हाउसिंग फाइनैंस कंपनी चूक करने वाले कर्जदारों, डेवलपरों व व्यक्तिगत उधारी लेने वालों का फॉलो अप जारी रकेगी, जिससे दबाव वाली संपत्तियों की वसूली हो सके।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने बिजनेस स्टैैंडर्ड से कहा कि जीएनपीए का करीब 50 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। मार्च 2020 में एलआईसी एचएफसी का सकल गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) मार्च 2019 के 1.54 प्रतिशत से बढ़कर 2.86 प्रतिशत होने के बाद से उसकी संपत्ति गुणवत्ता प्रोफाइल पर दबाव बढ़ गया है।
शुद्ध एनपीए भी 1.99 प्रतिशत हो गया है, जो 1.08 प्रतिशत था। इसका कुल बकाया पोर्टफोलियो मार्च 2020 में 2,10,578 करोड़ रुपये रहा, जो मार्च 2019 के 1,94,656 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
एलआईसी-एचएफसी का संभावित कर्ज नुकसान (ईसीएल) के लिए प्रावधान 31 मार्च 2020 को 2,612.39 करोड़ रुपये रहा, जो 31 मार्च 2019 को 1,659.48 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता पर आगे और दबाव बढ़ सकता है क्योंकि कर्ज की किस्त टालने की वजह से चूक बढ़ सकती है। इस समय कर्ज का करीब 25 प्रतिशत मॉरेटोरियम के तहत है। रिजर्व बैंक ने एचएफसी, वित्तीय कंपनियों व बैंकों को कर्ज की किस्त अगस्त 2020 तक टालने की छूट दी है, जिससे कि कोविड-19 के बुरे प्रभावों से लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
संभावित ऋण नुकसान (ईसीएल) की गणना करते समय कंपनी ने नुकसान का ऐतिहासिक अनुभव लिया है और मौजूदा स्थितियों व कर्ज टालने के असर को शामिल किया है। बहरहाल कंपनी ने यह उल्लेख नहीं किया है कि कोविड-19 के कारण किए गए प्रावधान का कितना असर होगा।
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