विश्लेषकों को आरआईएल में और तेजी की उम्मीद | राम प्रसाद साहू, श्रीपाद ऑटे और उज्ज्वल जौहरी / मुंबई/नई दिल्ली June 21, 2020 | | | | |
रिलायंस इंडस्ट्रीज आरआईएल का शेयर शुक्रवार के कारोबार में 6.2 फीसदी चढ़ गया था और 1,759.50 रुपये के नए ऊंचे स्तर पर बंद हुआ। कंपनी ने यह घोषणा की है कि जियो प्लेटफॉम्र्स में निवेश और अपने राइट्स इश्यू के पूरा होने के बाद वह अब कर्ज-मुक्त हो गई है। इसके बाद उसके शेयर में तेजी देखने को मिली। तेजी की वजह से यह शेयर मार्च में अपने निचले स्तरों से लगभग दोगुना हो गया है।
इसकी वजह यह है कि शेयर पर इसका असर दिखा है कि आय वृद्घि से ऋण में कमी आएगी और आखिरकार उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। समेकित इकाई के लिए वित्त वर्ष 2020 का ब्याज खर्च 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है जो एक साल पहले की अवधि के मुकाबले 33 फीसदी बढ़ गया है। वहीं कर्ज-मुक्ति तेल एवं रसायन सेगमेंट में 20 फीसदी हिस्सेदारी अरामको को 1.14 लाख करोड़ रुपये में बेचे जाने और फाइबर तथा टावर परिसंपत्तियों की बिक्री पर निर्भर करेगी। यह ये सौदे पूरे होते हैं तो कंपनी सकल स्तर पर भी कर्ज-मुक्त हो जाएगी। हालांकि कुछ विश्लेषकों को मानना है कि ऊंचे कर्ज की वजह से कोष उगाही गतिविधियों पर नियंत्रण रहेगा। कोविड-19 महामारी और तेल एवं गैस खंड में कमजोरी को देखते हुए जहां आय वृद्घि अल्पावधि में प्रभावित हो सकती है, वहीं कंपनी के लिए सकारात्मक बात यह है कि उसकी पूंजीगत खर्च की तीव्रता घटी है। वित्त वर्ष 2020 के लिए पूंजीगत खर्च 76,000 करोड़ रुपये पर था और वित्त वर्ष 2021 में इसके 40 फीसदी तक घटकर 45,000 करोड़ रुपये के आंकड़े पर आ जाने का अनुमान है जिससे कंपनी को मुक्त नकदी प्रवाह में मदद मिल सकेगी।
हालांकि कर्ज घटाने की खबरों से शेयर को 11 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण पार करने में मदद मिली, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कई अन्य समस्याएं भी हैं क्योंकि निवेशक डिजिटल वृद्घि के विकल्प पर ध्यान दे रहे हैं। आईआईएफएल के निदेशक संजीव भसीन का कहना है, 'वैश्विक तौर पर, कई लोग चीन में पुन: निवेश को लेकर इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। इसलिए भारत में पूंजी प्रवाह ज्यादा रहेगा और मजबूत वृद्घि की संभावना बढ़ेगी।' उन्हें यह शेयर मार्च 2021 तक 2,000 रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है जिससे मौजूदा भाव से 14 फीसदी की तेजी का संकेत मिलता है। वृद्घि की संभावना और रेटिंग में सुधार उसके उपभोक्ता व्यवसायों - जियो प्लेटफॉम्र्स/रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल पर निर्भर है। इन दोनों में जियो के विकास इंजन के तौर पर उभरने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में ब्रोकिंग एवं वितरण के प्रमुख इक्विटी रणनीतिकार हेमांग जानी के अनुसार दूरसंचार व्यवसाय के लिए बदलाव एआरपीयू में वृद्घि और 4जी सेगमेंट में बाजार भागीदारी में तेजी आना है। विश्लेषकों को कंपनी की एआरपीयू वृद्घि अगले दो वर्षों के दौरान मौजूदा 127 रुपये के स्तर से 20 फीसदी (150 रुपये से ज्यादा ) हो जाने का अनुमान है। आईआईएफएल रिसर्च के हर्षवद्र्घन डोले का मानना है कि एआरपीयू में 10 फीसदी के सुधार से आरआईएल के मूल्यांकन में 45 रुपये प्रति शेयर का इजाफा हो सकता है।
वृद्घि की रणनीति का अन्य मुख्य हिस्सा रिटेल है जिसमें जियो प्लेटफॉम्र्स से व्यवसाय शामिल है। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का मानना है कि शुरुआत वृद्घि मार्जिन में सुधार और पारंपरिक ग्रोसरी व्यवसाय में निजी लेबल के योगदान पर आधारित होगी। शेयरखान में पूंजी बाजार रणनीति प्रमुख गौरव दुआ का मानना है कि आरआईएल रिटेल व्यवसाय में भी जियो की सफलता की कहानी दोहराएगी। इसके अलावा जियोमार्ट के विशेष बिजनेस मॉडल को देखते हुए भी वह एमेजॉन जैसी ऑनलाइन कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने की स्थिति में हैै।
दो विकास इंजनों को देखते हुए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि रिटेल और दूरसंचार व्यवसाय वित्त वित्त वर्ष 2018 के 14 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 के एक-तिहाई के मुकाबले वर्ष 2023 तक परिचालन लाभ में 53 फीसदी का योगदान देंगे।
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