कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद उसे खत्म करने के पहले चरण यानी पहले चरण के अनलॉक के दौरान औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने के साथ ही इस्पात की घरेलू बिक्री में सुधार दिखने लगा है। निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों- टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल)- ने मई से जून की अवधि के दौरान घरेलू बिक्री में वृद्धि दर्ज की है।
जहां तक टाटा स्टील का सवाल है तो मई में कंपनी की कुल बिक्री में घरेलू बिक्री का योगदान 40 फीसदी रहा जो बढ़कर जून में 50 फीसदी हो गया। जेएसडब्ल्यू की कुल बिक्री में भी घरेलू बिक्री का योगदान इस दौरान 40 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गया। जबकि जेएसपीएल के मामले में यह आंकड़ा 50 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो गया।
टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि ग्रामीण बाजारों में ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और टिन की चादर जैसे उत्पादों की बिक्री से सुधार को रफ्तार मिली। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने कहा कि मौजूदा मांग मुख्य तौर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र से आ रही है। उन्होंने कहा, 'ऑर्डर प्रवाह काफी है। हमारे पास 31 जुलाई तक के लिए ऑर्डर हैं।'
शर्मा के अनुसार, अगले महीने कंपनी की कुल बिक्री में घरेलू बिक्री का योगदान करीब 70 फीसदी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि घरेलू बिक्री में मौजूदा तेजी अनुमान से कहीं अधिक है। हालांकि देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों के शहरी क्षेत्रों में निर्माण काफी हद तक थम सा गया है जिसे शुरू होना अभी बाकी है। जबकि पूर्वी और मध्य भारत में श्रमिकों की उपलब्धता कोई समस्या नहीं थी और इसलिए इन क्षेत्रों में गतिविधियां सुचारु हो गई हैं। इस्पात के कुल अंतिम उपयोग में निर्माण की हिस्सेदारी सबसे अधिक यानी करीब 60 से 62 फीसदी है। इस्पात की उपयोगिता में 15 से 16 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले वाहन क्षेत्र में धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है। इस्पात उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सुधार क्षेत्र विशेष पर आधारित होगा। कुल मिलाकर, तीसरी या चौथी तिमाही से पहले मांग कोविड पूर्व स्तर तक नहीं पहुंच सकती है। तब तक निर्यात में बेहतर संभावनाएं दिख सकती हैं।
इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में घरेलू मांग में 87 फीसदी की कमी आई थी जबकि महीने के दौरान उत्पादित कुल तैयार इस्पात के प्रतिशत के रूप में निर्यात 28 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय इस्पात विनिर्माताओं के लिए यूरोप एक प्रमुख निर्यात गंतव्य रहा है और वित्त वर्ष 2020 में उसकी हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी रही। जबकि अप्रैल 2020 में तैयार इस्पात के कुल निर्यात में यूएई, वियतनाम और चीन का एकीकृत योगदान 64 फीसदी रहा। हालांकि भारतीय इस्पात विनिर्माताओं के लिए चीन एक महत्त्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है लेकिन चीन अधिकतर कच्चे इस्पात का आयात कर रहा है। चीन को निर्यात किए गए कच्चे इस्पात की सही मात्रा फिलहाल उपलब्ध नहीं है लेकिन अप्रैल 2020 में भारत के कुल कच्चे इस्पात के निर्यात में 66 फीसदी की वृद्धि हुई ।