'देसी समाधान पर ध्यान दे बीएसएनएल' | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली June 19, 2020 | | | | |
नीति आयोग ने भारत संचार निगम लिमिटेड को अपने 4जी नेटवर्क के लिए स्वदेशी तौर पर विकसित एवं निर्मित (आईडीडीएम) सॉल्युशन पर अमल करने का निर्देश दिया है।
इस कदम का चीन की हुआवे और जेडटीई जैसी वैश्विक दूरसंचार उपकरण निर्माताओं और एरिक्सन तथा नोकिया जैसी यूरोपीय कंपनियों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इन कंपनियों को 4जी के लिए सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा आगामी निविदा से दूर रखा जा सकता है। बीएसएनएल ने शुरू में जारी निविदा को रद्द करदिया है, क्योंकि घरेलू दूरसंचार कंपनियों ने सरकार से शिकायत की थी कि यह निविदा सिर्फ बड़ी विदेशी दूरसंचार कंपनियों को ध्यान में रखकर जारी की गई और स्थानीय कंपनी इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकती। यह भी कहा गया था कि यह निविदा आत्मनिर्भर भारत के मूल सिद्घांतों के खिलाफ थी।
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि तकनीकी रूप से सक्षम वायरलेस विशेषज्ञ की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी समिति बनाई जाएगी और निविदा को पुन: तैयार किया जाएगा। निविदा को तीन चरणों में पूरी की जाएगी। इन चरणों में सिस्टम इंटिग्रेटरों द्वारा लोकेशन संबंधी अवधारणा का प्रमाण दिखाने, कुछ सर्किलों में शुरुआती नियोजन और 4जी तथा भविष्य में संभावित तौर अप्रगेड कर 5जी की दोहरी व्यवस्था के साथ पूरे देश में पेशकश का दायरा बढ़ाना शामिल होगा।
इन सिस्टम इंटिग्रेटरों को व्यापक तकनीकी दस्तावेज, कंसोर्टियम, आपूर्तिकर्ताओं और 5जी के बारे में विस्तृत रूपरेखा की जानकारी मुहैया करानी होगी। वे ओईएम की पहचान और आधुनिक सॉल्युशन मुहैया कराने के लिए भी जिम्मेदार होंगे। गुरुवार को हुई बैठक में टेक महिंद्रा के मुख्य कार्याधिकारी सी पी गुरनानी ने कहा कि वह चाहते हैं कि बेहद सक्षम भारतीय ओईएम इको सिस्टम मौजूद हो और बीएसएनएल को ऐसा सॉल्युशन मुहैया कराना संभव हो जो प्रतिस्पर्धी, भारत में निर्मित हो और उससे बीएसएनएल को कोई खतरा न हो। यह सॉल्युशन न सिर्फ हार्डवेयर कलपुर्जों पर बल्कि सॉफ्टवेयर आधारित नेटवर्क के लिए भी सक्षम हो।
वहीं तेजस नेटवर्क ने भी कहा कि बीएसएनएल को भारत में निर्मित उत्पादों को अनिवार्य बनाना चाहिए। उसने यह सुझाव दिया कि इस परियोजना को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है और इसे एक या इससे ज्यादा कंपनियों को दिया जा सकता है।
सी डॉट के अधिकारियों ने तर्क दिया कि उनके पास 4जी कोर टेक्नोलॉजी है और वे दूसरों के साथ भागीदारी को उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि निर्माता इच्छुक हों तो यह टेक्नोलॉजी को स्थानांतरित किया जा सकता है।
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