यूवी एसेट रीकंस्ट्रक्शन बेच पाएगी एयरसेल के स्पेक्ट्रम | टीई नरसिम्हन और सुरजीत दास गुप्ता / चेन्नई/नई दिल्ली June 18, 2020 | | | | |
परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी यूवी ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन (यूवीएआरसीएल) को एयरसेल की मूल्यवान 1,800 और 2,100 बैंड में स्पेक्ट्रम परिसंपत्तियों की बिक्री अथवा उपयोग संबंधी अधिकारों के हस्तांतरण की मंजूरी मिल गई है। नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा कुछ दिन पहले पारित समाधान योजना के तहत यह मंजूरी दी गई है।
एनसीएलटी द्वारा मंजूर समाधान योजना के तहत वित्तीय लेनदारों को उल्लेखनीय नुकसान (हेयरकट) उठाना पड़ सकता है क्योंकि परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी यूवीएआरसीएल ने तीन कॉरपोरेट आवेदकों के वित्तीय लेनदारों के लिए कुल 6,630 करोड़ रुपये की वसूली की परिकल्पना की है जबकि इन तीनों कंपनियों का कुल बकाया करीब 58,760 करोड़ रुपये है। यह आदेश एयरसेल लिमिटेड और उसकी सहायक इकाई डिशनेट वायरलेस लिमिटेड एवं एयरसेल सेल्युलर लिमिटेड के लिए समाधान योजना पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
एलसीएलटी के आदेश के अनुसार, यूवीएआरसीएल को 19,600 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव है जिसमें से करीब 6,630 करोड़ रुपये का भुगतान जेडओसीडी (जीरो कूपन ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर) के जरिये किया जाएगा जबकि शेष 12,970 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि यूवीएआरसीएल 11 करोड़ रुपये की अग्रिम इक्विटी खरीदेगी और शेष खरीदारी विभिन्न तरीकों से की जाएगी जिसमें परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण, सबसे बढिय़ा व्यावहारिक विकल्प स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल संबंधी अधिकारों की बिक्री (800 से 1,300 करोड़ रुपये), उपकरणों की बिक्री, रियल एस्टेट, टावर आदि की बिक्री (100 से 150 करोड़ रुपये), फाइबर परिसंपत्त्तियों की बिक्री शामिल हैं।
कंपनी के स्पेक्ट्रम का मूल्य 1,100 से 2,000 करोड़ रुपये के बीच है और उसका लाइसेंस 2026 तक के लिए वैध है। ये स्पेक्ट्रम दिल्ली, राजस्थान, मुंबई, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लिए हैं। एयरसेल के पास देश भर में 14,500 किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क भी है।
एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'दूरसंचार विभाग सहित किसी भी तरह की बाधा से मुक्त होकर प्रस्तावित स्पेक्ट्रम खरीदारों को इस स्पेक्ट्रम के उपयोग करने संबंधी अधिकार के हस्तांतरण की अनुमति दी जाती है।' ट्रिब्यूनल ने 9 जून को एयरसेल के लिए ऋण शोधन अक्षमता समाधान योजना को मंजूरी दी थी जिसके तहत यूवी ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन (यूवीएआरसीएल) को इस दूरसंचार ऑपरेटर की परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने की अनुमति दी गई थी।
यूवीएआरसीएल ने लगातार बढ़ती चिंता के कारण मई 2019 में तय की गई योजना के अनुसार एयरसेल की परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया और एसएमएस एवं एंटरप्राइज डिविजन जैसी छोटी इकाइयों का परिचालन शुरू कर दिया। जबकि शेष परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्त रकम से लेनदारों का भुगतान किया गया।
एयरसेल के पास लेनदारों का करीब 20,000 करोड़ रुपये का बकाया है जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नैशनल बैंक, चाइना डेवलपमेंट बैंक कॉर्प और केनरा बैंक शामिल हैं।
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