फिच ने भारत की रेटिंग घटाई | अरूप रायचौधरी और इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली June 18, 2020 | | | | |
फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को भारत की सॉवरिन रेटिंग पर अपने परिदृश्य में बदलाव करते हुए इसे स्थायी से नकारात्मक कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने इसके लिए आर्थिक वृद्धि के कमजोर परिदृश्य और कोविड-19 महामारी के कारण उच्च सार्वजनिक ऋण बोझ को कारण बताया है। फिच ने रेटिंग को बीबीबी नकारात्मक कर दिया है जो कि न्यूनतम निवेश ग्रेड है। फिच की ओर से यह कार्रवाई कुछ हफ्ते पहले मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग घटाने के बाद हुई है।
रेटिंग एजेंसी के इस कदम के बाद सभी बड़ी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों- मूडीज, फिच और स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) की ओर से भारत की रेटिंग न्यूनतम निवेश ग्रेड की हो गई है। फिच और मूडीज का परिदृश्य नकारात्मक है जबकि एसऐंडपी का परिदृश्य स्थायी है जिसकी पुष्टि उसने कुछ दिनों पहले ही की है।
एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, 'कोरोनावायरस महामारी ने इस साल के लिए भारत के वृद्धि परिदृश्य को भारी नुकसान पहुंचाया है और उच्च सार्वजनिक कर्ज बोझ से जुड़ी चुनौतियों को उजागर कर दिया है। राजस्व की वृद्धि में भारी कमी आने, राजकोषीय घाटा बढऩे और सार्वजनिक क्षेत्र के ऋण अनुपातों के असर से राजकोषीय तंत्र को भारी क्षति पहुंची है।'
फिच ने कहा है कि उसके अनुमान के मुताबिक 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5 फीसदी का संकुचन होगा जिसके बाद 2020-21 में इसमें 9.5 फीसदी की उछाल आएगी। ऐसा न्यून आधार प्रभाव के कारण होगा।
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